18 अगस्त, 1934 को पंजाब (पाकिस्तान) में जन्मे गुलजार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। कला क्षेत्र में मशहूर होने के बाद इन्होंने अपना गुलजार रख लिया। गुलजार राखी के दूसरे पति हैं। उन्होंने 15 मई 1973 को राखी से शादी की। बेटी मेघना के जन्म के एक साल बाद ही दोनों अलग हो गए थे। दरअसल, गुलजार नहीं चाहते थे कि राखी फिल्मों में काम करें।
मुंबई। मशहूर गीतकार और डायरेक्टर गुलजार 85 साल के हो चुके हैं। 18 अगस्त, 1934 को पंजाब (पाकिस्तान) में जन्मे गुलजार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। कला क्षेत्र में मशहूर होने के बाद इन्होंने अपना गुलजार रख लिया। गुलजार के जन्मदिन पर हम उनकी जिंदगी के एक ऐसे किस्से से रूबरू करा रहे हैं, जिसके बारे में कम ही लोगों को पता है।
पॉपुलर गीतकार और डायरेक्टर गुलजार ने एक रात अपनी पत्नी राखी को होटल के कमरे में बुरी तरह पीटा था। यह घटना 1974 की है। एंटरटेनमेंट न्यूज पोर्टल पिंकविला के आर्टिकल 'फ्लैशबैक फ्राइडे: अ नाइट विच चेंज्ड गुलजार-राखी मैरिज' में ऐसा लिखा गया है। बता दें कि गुलजार राखी के दूसरे पति हैं। उन्होंने 15 मई 1973 को राखी से शादी की। बेटी मेघना के जन्म के एक साल बाद ही दोनों अलग हो गए थे। दरअसल, गुलजार नहीं चाहते थे कि राखी फिल्मों में काम करें।
आखिर क्या हुआ था उस रात...
- एक बार गुलजार अपनी फिल्म ‘आंधी’ (1975) की शूटिंग के लिए बेहतर लोकेशन की तलाश में कश्मीर गए थे। उस दौरान राखी भी साथ थीं। गुलजार अपने काम में डूबे रहते थे, जबकि राखी अकेली बैठी-बैठी बोर हो जाती थीं।
- इसी बीच एक रोज फिल्म 'आंधी' के एक्टर संजीव कुमार और सुचित्रा सेन होटल में पार्टी कर रहे थे। इस दौरान संजीव कुमार ने काफी शराब पी ली।
- इसके बाद जब सुचित्रा अपने कमरे में जाने लगी तो नशे में धुत्त संजीव ने उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें अपनी तरफ खींचने लगे। ये सब देखकर गुलजार सुचित्रा को बचाने के लिए दौड़े।
- एक तरफ संजीव कुमार सुचित्रा का हाथ पकड़ कर खींच रहे थे तो दूसरी ओर गुलजार उन्हें संजीव से छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे।
- कुछ देर बाद गुलजार ने किसी तरह सुचित्रा को संजीव से छुड़ाया और उन्हें उनके कमरे तक छोड़ने गए। जब गुलजार उन्हें छोड़कर लौट रहे थे तो रास्ते में राखी टकरा गईं।
- राखी काफी गुस्से में थीं और जानना चाह रही थीं कि गुलजार आखिर सुचित्रा को छोड़ने उनके कमरे में क्यों गए। गुलजार नहीं चाहते थे कि बात का बतंगड़ बने। ऐसे में उन्होंने बात टालने की कोशिश की।
- इससे गुस्साईं राखी ने उनका रास्ता रोक लिया और सवाल पर सवाल पूछने लगीं, जिससे वहां मजमा लग गया।
- वहां मौजूद होटल के स्टाफ के मुताबिक, इसके बाद दोनों में काफी झगड़ा हुआ और गुलजार ने राखी को बुरी तरह पीटा। बाद में खुद गुलजार होटल के कमरे में नशे में धुत्त मिले थे। यह राखी के लिए उनके जीवन का सबसे बुरा एक्सपीरियंस था।
अगले दिन राखी ने गुलजार से बिना पूछे साइन कर ली 'कभी-कभी'
- अगले दिन राखी डायरेक्टर यश चोपड़ा से मिलीं, जो खुद फिल्म ‘कभी-कभी’ (1976) के लिए लोकेशन ढूंढने कश्मीर पहुंचे थे।
- यश चोपड़ा भी चाहते थे कि राखी उनकी फिल्म में काम करें और इसके लिए वो गुलजार से परमिशन मांगना चाहते थे कि वो उन्हें काम करने के लिए हां कर दें।
- हालांकि राखी ने खुद ही यश चोपड़ा से मिलकर उनसे कह दिया कि वो इस फिल्म में काम करना चाहती हैं। इसके बाद राखी ने यह फिल्म गुलजार से पूछे बिना साइन कर ली।
- कहते हैं कि इस घटना के बाद गुलजार काफी नाराज हुए थे और शायद यही दोनों के अलग होने की वजह भी बनी।
गुलजार को नहीं पसंद था राखी का फिल्मों में काम करना
आर्टिकल के मुताबिक, गुलजार नहीं चाहते थे कि राखी फिल्मों में काम करें। इस बात को खुद राखी भी मानती हैं। हालांकि उन्हें लगता था कि गुलजार कम से कम अपनी फिल्मों में तो उन्हें काम करने ही देंगे लेकिन राखी को गुलजार ने एक भी फिल्म में साइन नहीं किया।
गुलजार ने किया कई फिल्मों का डायरेक्शन
फिल्मों में डायलॉग और स्क्रीन प्ले लिखने के बाद गुलजार ने डायरेक्शन में कदम रखा। उन्होंने 1971 में पहली फिल्म 'मेरे अपने' (एक्ट्रेस मीना कुमारी) डायरेक्ट की। उन्होंने 'परिचय' (एक्ट्रेस जया भादुड़ी, 1972), 'कोशिश' (एक्ट्रेस जया भादुड़ी,1972), 'अचानक' (एक्ट्रेस लिली चक्रवर्ती, 1973), 'आंधी' (एक्ट्रेस सुचित्रा सेन, 1975), 'खूशबू' (एक्ट्रेस हेमा मालिनी, 1975), 'मौसम' (एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर, 1975), 'माचिस' (एक्ट्रेस तब्बू, 1996), 'इजाजत' (एक्ट्रेस रेखा, 1987) सहित अन्य फिल्मों का डायरेक्शन किया। गुलजार की किसी भी फिल्म राखी एक्ट्रेस नहीं रही।