Maya Govind Death: ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग की वजह से गीतकार का निधन, 80 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

जानीमानी गीतकार माया गोविंदा का गुरुवार को निधन हो गया है। वे 80 साल की थी। वे लंबे समय से बीमारी चल रही थी और आखिरकार उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। 

मुंबई. जानीमानी गीतकार माया गोविंदा (Maya Govind)  का गुरुवार को निधन हो गया है। वे 80 साल की थी। वे लंबे समय से बीमारी चल रही थी और आखिरकार उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो 20 जनवरी को माया को ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अस्पताल में दाखिल कराया गया था। हालांकि, कुछ दिनों बाद उन्हें अस्पताल से घर पर शिफ्ट कर दिया गया था और यहीं उनका इलाज चल रहा है। घर पर इलाज के दौरान भी उनकी हालत में खास सुधार नहीं हो रहा था फिर भी डॉक्टर अपनी ओर से उन्हें ठीक करने की कोशिश कर रहे थे। उनके बेटे अजय गोविंद ने एक मीडिया हाउस को बताया था कि उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं है और ब्रेन में खून के थक्के जम गए हैं।


लंग्स इंफेक्शन भी था माया गोविंद को
माया गोविंद के बेटे अजय गोविंद ने बताया कि उनकी मां को पहले लंग्स में इंफ्केशन हुआ था और फिर उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉटिंग हो गई थी। उन्होंने ये भी बताया कि जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनका इलाज वहां ठीक से नहीं हो रहा था। और इसी वजह से उन्हें अस्पताल से घर शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत काफी सीरियस बनी हुई थी। आपको बता दें कि माया गोविंद मशहूर गीतकार थी और उन्होंने कई हिट फिल्मों में गाने लिखे थे।

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350 फिल्मों में लिखे गाने
रिपोर्ट्स की मानें तो माया गोविंद ने अपने करियर में करीब 350 फिल्मों में गाने लिखे थे। फिल्मों के अलावा उन्होंने टीवी सीरियल्स और म्यूजिक एल्बम के लिए भी गीत लिखे थे। उन्होंने हेमा मालिनी की फिल्म रजिया सुल्तान, अमिताभ बच्चन की फिल्म याराना, अक्षय कुमार की फिल्म मै खिलाड़ी तूं अनाड़ी के अलावा और भी कई फिल्मों के गाने लिखे थे। सामने आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो उनके अंतिम संस्कार गुरुवार शाम 4 बजे पवनहंस शमशान घाट पर किया जाएगा। 


- 1940 में लखनऊ में जन्मी माया की बचपन से संगीत में रुचि थी। उन्होंने गीत लिखने के साथ-साथ थिएटर में भी काम किया। सात साल की उम्र से कविताएं लिखने वाली माया आगे चलकर बॉलीवुड की फेमस गीतकार बनी। उन्होंने फिल्मों में गाने की शुरुआत 1972 में की थी। उन्हें पहला ब्रेक फिल्म आरोप से मिला, जिसमें उनका लिखा गाना नैनों में दर्पण है.. ने उन्हें स्टार बना दिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिंगर फाल्गुनी पाठक का गाया गाना मैंने पायल है छनकाई.. माया ने ही लिखा था। 

 

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