मुश्किल में फंसी स्वरा भास्कर, शख्स ने लगाया देश की छवि खराब करने का आरोप, याचिका दाखिल

स्वरा भास्कर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं। इसके कारण कई बार तो उन्हें ट्रोल भी होना पड़ता है। अब इस बार तो एक्ट्रेस की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। स्वरा भास्कर के खिलाफ धर्म के आधार पर लोगों को बांटने को लेकर याचिका दाखिल की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2020 3:40 AM IST / Updated: Mar 01 2020, 10:38 AM IST

मुंबई. स्वरा भास्कर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं। इसके कारण कई बार तो उन्हें ट्रोल भी होना पड़ता है। अब इस बार तो एक्ट्रेस की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। स्वरा भास्कर के खिलाफ धर्म के आधार पर लोगों को बांटने को लेकर याचिका दाखिल की गई है। इतना ही नहीं शख्स ने कहा कि वो देश की छवि भी खराब कर रही हैं। 

शख्स ने की कानपुर कोर्ट में याचिका दाखिल 

स्वरा भास्कर के खिलाफ कानपुर न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। याचिका दाखिल करने वाले ने स्वरा भास्कर पर जाति, धर्म और समुदायों को बांटने के साथ ही अविश्वास पैदा करने का आरोप लगाया है। एक शख्स विजय बक्शी की ओर से दाखिल की गई याचिका में स्वरा भास्कर पर समाज में विद्वेष फैलाने, जाति-धर्म और समुदायों को बांटने का आरोप लगाया है।

देश की छवि खराब हो रही है- विजय बख्शी 

विजय बख्शी के मुताबिक, स्वरा भास्कर एक जानी मानी हस्ती हैं, लेकिन वो अपने कथनों, भाषणों और ट्वीट के द्वारा समय-समय पर भारत सरकार, उच्चतम न्यायालय, सुरक्षा एजेंसियों के विरुद्ध टिप्पणी करने और समाज में भेदभाव पैदा करने का काम कर रही हैं। शख्स का ये भी कहना है कि इससे देश की छवि तो खराब हो ही रही है, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट में याचिका की सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख दी गई है।

सीएए का स्वरा भास्कर कर रही हैं विरोध

बता दें, स्वरा भास्कर इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। वो लगातार सीएए का विरोध कर रही हैं। इसके साथ ही शाहिन बाग में सीएए का विरोध कर रहे लोगों के पास भी एक्ट्रेस उनका उत्साह बढ़ाने के लिए गई थीं। बहरहाल, अगर उनकी फिल्मों की बात की जाए तो स्वरा अपनी फिल्मों के जरिए लोगों तक सामाजिक संदेश पहुंचाने के लिए भी जानी जाती हैं। 'निल बट्टे सन्नाटा' और 'अनारकली ऑफ आरा' जैसी फिल्में इसका उदाहरण हैं।

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