जिस टीचर से सीखती थी योगा उसी से प्यार कर बैठी सलमान की हीरोइन, फिल्में नहीं चलीं तो बसा लिया घर

भूमिका का जन्म दिल्ली की पंजाबी फैमिली में हुआ था। भूमिका के पिता एमएस चावला फौज में रहे हैं वहीं उनकी मां टीचर थीं। भूमिका के बचपन का नाम रचना था और उन्हें प्यार से घर में लोग गुड़िया बुलाते थे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2019 6:58 AM IST

मुंबई। सलमान खान के साथ फिल्म 'तेरे नाम' से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस भूमिका चावला 41 साल की हो गई हैं। 21 अगस्त, 1978 को नई दिल्ली में जन्मी भूमिका ने करियर की शुरुआत 2000 में तेलुगु फिल्म 'युवाकुडु' से की थी। हालांकि साउथ में कुछ फिल्में करने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में किस्मत आजमाई, लेकिन सलमान के साथ डेब्यू करने के बावजूद वो कामयाब नहीं हो पाईं। फिल्मों में कामयाबी न मिलने के बाद भूमिका ने 2007 में अपने ही योग टीचर भरत ठाकुर से शादी कर ली।

शादी से पहले 4 साल तक किया योगा टीचर को डेट...
शादी के पहले भूमिका चावला ने योग गुरू भरत ठाकुर को 4 साल तक डेट किया। योगा सीखते-सीखते पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर ये प्यार में बदल गई। दोनों की शादी 21 अक्टूबर, 2007 को देवलाली (नासिक) के एक गुरुद्वारे में हुई थी। शादी के 7 साल बाद फरवरी, 2014 में भूमिका ने एक बेटे को जन्म दिया। भूमिका आखिरी बार 2019 में आई फिल्म 'खामोशी' में नजर आईं, लेकिन इसमें उनके रोल को किसी ने नोटिस नहीं किया। इससे पहले उन्होंने 'धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' में धोनी की बहन का रोल प्ले किया था। वैसे, भूमिका अब फिल्मों से दूर अपनी छोटी सी फैमिली में बिजी हैं।

रियल नाम भूमिका नहीं कुछ और...
भूमिका का जन्म दिल्ली की पंजाबी फैमिली में हुआ था। भूमिका के पिता एमएस चावला फौज में रहे हैं वहीं उनकी मां टीचर थीं। भूमिका के बचपन का नाम रचना था और उन्हें प्यार से घर में लोग गुड़िया बुलाते थे। भूमिका का एक बड़ा भाई और बड़ी बहन है। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने अपना नाम चेंज कर लिया था।

इन बॉलीवुड फिल्मों में दिखीं भूमिका...
सलमान के साथ 'तेरे नाम' करने के बाद भूमिका ने 'रन' (2004), 'दिल ने जिसे अपना कहा' (2004), 'सिलसिले' (2005), 'दिल जो भी कहे' (2005), 'फैमिली' (2006) सहित कई फिल्मों में काम किया। लेकिन वे बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना पाईं।

साउथ की इन फिल्मों में दिखीं भूमिका...
2000 में तेलुगु फिल्म 'युवाकुडु' (Yuvakudu) से डेब्यू करने के बाद उनकी दूसरी तेलुगु फिल्म 'खुशी' (2001) थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। इसके अलावा उन्होंने 'रोजा कुटम' (2002), 'मिस्सममा' (1995), 'आदन्थे अडो टाइप' (2003), 'जय चिरंजीवा' (2005), 'स्वागतम' (2008), 'भ्रमरम' (2009), 'ना स्टाइले वेरु' (2009) सहित कई साउथ की फिल्मों में काम किया।

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