राहत भरी खबर : तेजी से नहीं फैलता कोरोना वारयस का नया वेरिएंट 'आईएचयू', स्टडी में हुआ खुलासा

फ्रांस में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आईएचयू (new corona varinat Ihu) को लेकर राहत भरी खबर आई है। दरअसल, एक अध्ययन में पता चला है कि यह वेरिएंट ओमीक्रोन की तुलना में कम तेजी से फैलता है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2022 6:11 AM IST

नई दिल्ली :  फ्रांस में मिले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आईएचयू (new corona varinat Ihu) को लेकर राहत भरी खबर आई है। दरअसल, एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस वेरिएंट का प्रसार बेहद कम है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह अध्ययन वेबसाइट medRxiv पर प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी आईएचयू (IHU) वेरिएंट पर अटकलें लगाना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या अभी बेहद कहम है। हालांकि, इस वेरिएंट के व्यवहार  की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।   

2 महीने पहले मिला था पहला केस
कोरोना वायरस के इस  वेरिएंट का पहला मामला फ्रांस में नवंबर महीने में मिला था। बताया जा रहा है कि जो पहला व्यक्ति इस नए वेरिएंट से संक्रमित था। वह पूरी तरह से वैक्सीनेटेड था और वह नवंबर में कैमरून से 3 दिन की यात्रा कर फ्रांस लौटा था। यहां उसको सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई, जिसके बाद उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। 

कैसे पड़ा IHU' नाम 
कोरोना का नया संस्करण 'IHU' यानी (B.1.640.2) की खोज वैज्ञानिक डिडिएर राउल की अगुवाई में फ्रांस के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट्स (आईएचयू) के मेडिटेरेनी इंफेक्शन इन मार्सिले के रिसर्चरों ने की है. इस वजह से इस वेरिएंट का नाम आईएचयू पड़ा है।

IHU में मिले 46 म्यूटेशन 
 IHU में 46 म्यूटेशन और 37 डिलीसन हैं, जिसके परिणामस्वरूप 30 अमीनो एसिड प्रतिस्थापन और 12 डीलीसन हैं। अमीनो एसिड मालिक्युल्स होते हैं जो प्रोटीन बनाने के लिए गठबंधन करते हैं, और दोनों जीवन के निर्माण खंड हैं। N501Y और E484K सहित चौदह अमीनो एसिड प्रतिस्थापन, और नौ विलोपन स्पाइक प्रोटीन में स्थित हैं। N501Y और E484K म्यूटेशन पहले बीटा, गामा, थीटा और ओमाइक्रोन वेरिएंट में भी पाए गए थे।

दुनियाभर में ओमीक्रोन का कहर
गौरतलब है दुनियाभर में कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट तेजी से पैर पसार रहा है. इस वेरिएंट से भारत, अमेरिका, यूरोप बुरी तरह से प्रभावित हैं. बता दें कि पिछले साल 24 नवंबर को ही दक्षिण अफ्रीका से लिए गए एक सैंपल में ओमीक्रोन वेरिएंट का पता चला था। तब से यह 100 से अधिक देशों में फैल गया है और भारत में यह तीन हजार से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। 

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