कोरोना संक्रमण(corona virus) की देश में तीसरी लहर आ चुकी है। देश में 9 महीने बाद फिर 24 घंटे में 1 लाख से अधिक केस मिले हैं। बता दें कि 7 मई, 2021 को देश में सबसे अधिक 4 लाख 14 हजार 188 केस मिले थे। इधर, एक्सपर्ट ओमिक्रोन को डेल्टा के मुकाबले कम घातक मान रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसलिए इसे हल्के में न लें।
नई दिल्ली. जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने पहले ही चेताया था, भारत में कोरोना संक्रमण(corona virus) की सुनामी आने को तैयार बैठी है। देश में 9 महीने बाद फिर 24 घंटे में 1 लाख से अधिक केस मिले हैं। बता दें कि 7 मई, 2021 को देश में सबसे अधिक 4 लाख 14 हजार 188 केस मिले थे। देश में पहली बार अप्रैल 2021 में एक दिन में 1 लाख मामले सामने आए थे। अब चिंता इस बात की जताई जा रही है कि तीसरी लहर में एक दिन में 14 लाख तक केस सामने आ सकते हैं। इस बीच ओमिक्रोन से देश में दो लोगों की मौत हो गई। ओडिशा के बालनगीर जिले में एक 50 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया। ओडिशा में मौत का यह पहला मामला है। इससे पहले राजस्थान के उदयपुर में एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। (कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें: देश के जाने-माने रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक(Sand artist Sudarsan Pattnaik) ने गुरुवार को ओडिशा में पुरी के समुद्र तट पर इस कलाकृति के जरिये लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल(COVID19 protocol) का पालन करने क संदेश दिया।)
तीसरी लहर के पीक में क्या होगा
एक्सपर्ट का आकलन बताता है कि पहली लहर 17 सितंबर, 2020 को आई थी। तब एक दिन में 97 हजार 894 केस मिले थे। फिर 7 मई, 2021 को एक दिन में सबसे अधिक 4 लाख 14 हजार से अधिक मामले सामने आए थे। अब तीसरी लहर के पीक में एक दिन में 14 लाख तक केस सामने आ सकते हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।
डेल्टा के मुकाबले तेजी से फैल रहा ओमिक्रोन, लेकिन कम घातक
इधर, विशेषज्ञों को मानना है कि कोरोनावायरस का नया संस्करण ओमिक्रोन डेल्टा के मुकाबले कम घातक(milder variant) है, लेकिन यह अधिक संक्रामक(highly transmissible) है। कोलकाता स्थित वुडलैंड्स हॉस्पिटल की एमडी और सीईओ डॉ. रूपाली बसु(Dr Rupali Basu, MD and CEO, Woodlands Hospital, Kolkata) ने कहा देश में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। इसमें मामले तेजी से बढ़ेंगे। फिर धीरे-धीरे कम होंगे। डॉ. बसु ने यह भी कहा कि दूसरी लहर की तुलना में इस बार बीमारी की गंभीरता कम है। यह चिकित्सीय रूप से कम गंभीर है। इसमें मरीज 5-6 दिनों में ठीक हो रहे हैं। इसके लक्षण फ्लू की तरह हैं। जैसे-बुखार और कमजोरी। कुछ रोगियों में गंध और स्वाद का नुकसान हो सकता है। हालांकि इसमें मरीज अस्पताल में कम भर्ती होंगे। ओमिक्रोन डेल्टा वैरिएंट की तुलना में उतना चिंताजनक नहीं है, लेकिन हमें अभी भी सावधान रहने की जरूरत है। हमें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने और COVID-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत है।
WHO ने भी फिर चेताया
जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रयसस(Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा-टेड्रोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हालांकि ओमाइक्रोन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है, विशेष रूप से जिन्होंने टीका लगवा लिया है। इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के के रूप में लिया जाए। WHO के मुताबिक, पिछले सप्ताह 9.5 मिलियन नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए। ये पिछले की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक हैं। बता दें कि टेड्रोस ने 2022 के अपने पहले भाषण में वैक्सीन को लेकर अमीर देशों की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि अमीर देशों की वजह से गरीब देशों को वैक्सीन के संकट का सामना करना पड़ा। WHO चाहता है कि हर देश सितंबर 2021 के अंत तक अपनी आबादी का 10 प्रतिशत और दिसंबर के अंत तक 40 प्रतिशत का टीकाकरण करे। बता दें कि WHO के 194 सदस्य राज्यों में से 92 राज्य 2021 के अंत तक वैक्सीनेशन के निर्धारित लक्ष्य को पार नहीं कर पाए। 36 ने तो 10 प्रतिशत को भी हासिल नहीं किया। इसका मुख्य कारण खुराक नहीं मिल पाना है। WHO चाहता है कि 2022 के मध्य तक हर देश 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन कर ले।
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