भारत की पहली महिला क्रिकेट कमेंटेटर चंद्रा नायडू का 88 साल की उम्र में इंदौर में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी।
स्पोर्ट्स डेस्क : भारत की पहली महिला क्रिकेट कमेंटेटर चंद्रा नायडू (Chandra Nayudu) का 88 साल की उम्र में इंदौर में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। वह भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान और पूर्व क्रिकेटर सीके नायडू की बेटी थीं। हालांकि कमेंटेटर के रूप में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। वह इंदौर के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में इंग्लिश की प्रोफेसर भी थीं और 50 के दशक में होलकर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने क्रिकेट में एंट्री की और अंतरराष्ट्रीय मैच की पहली महिला कमेंटेटर बनी। चंद्रा नायडू के भतीजे और पूर्व घरेलू क्रिकेटर विजय नायडू ने बताया कि उनकी मौसी ने यहां मनोरमागंज स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली।
महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में दिया योगदान
चंद्रा नायडू कि 1950-60 के दशक में क्रिकेट खेला करती थीं और उन्होंने मप्र में महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में बहुत मेहनत की। उस समय लड़कियों को क्रिकेट खेलने की मनाही थी। उस दौर में उन्होंने महिला क्रिकेट की शुरुआत की और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। उसके बाद से सलवार कमीज पहनकर महिला खिलाड़ी बैट और बॉल थामे नजर आती थीं।
1982 में भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान पर खेले गए एतिहासिक स्वर्ण जयंती टेस्ट मैच में उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित भी किया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता के जीवन पर 'सीके नायडू : ए डॉटर रिमेम्बर्स' नाम की किताब भी लिखी थी।
चंद्रा की मौत पर BCCI ने जताया शोक
बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने चंद्रा नायडू के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि 'वह सीके नायडू की सबसे छोटी बेटी थीं और उन्होंने महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया।' उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि अलग-अलग शहरों में आयोजित मैचों के लिए चंद्रा नायडू राज्य की महिला क्रिकेट टीमों के साथ जाती थीं और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाती थीं।'