क्रिकेट खेलने के लिए गार्ड के साथ टेंट में रहा- सड़कों पर गोलगप्पे बेचे, अब IPL 2022 में चमका ये सितारा

Rajasthan royals vs Gujarat Titans: आईपीएल 2022 का फाइनल मुकबला राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेला जा रहा है। आज हम आपको बताते हैं राजस्थान के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के बारे में...
 

Asianet News Hindi | Published : May 29, 2022 3:20 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) के 15वें सीजन का फाइनल मुकाबला राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan royals) और गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के बीच खेला जा रहा है। इस मैच में राजस्थान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल और जोस बटलर ने टीम को शानदार शुरुआत दी। इस इनिंग में युवा बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल (yashasvi jaiswal) ने छोटी लेकिन धमाकेदार पारी खेली। उन्होंने 16 बॉलों में 22 रनों बनाए और अपनी टीम को एक मोमेंटम दिया। इस पूरे सीजन यशस्वी जयसवाल ने अपनी टीम के लिए कई अच्छी परफॉर्मेंस दी। आईपीएल 2022 में यह युवा सातारा जमकर चमक रहा है। लेकिन बता दें कि यशस्वी का क्रिकेटर बनने का सपना इतनी आसानी से पूरा नहीं हुआ। क्रिकेट खेलने के लिए उन्हें कभी गार्ड के साथ टेंट में सोना पड़ा तो कभी सड़कों पर गोलगप्पे भी बेचने पड़े। आइए हम आपको बताते हैं इस खिलाड़ी के स्ट्रगल के बारे में...

यशस्वी के संघर्ष की कहानी 
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में सुरयावां नगर के रहने वाले यशस्वी जायसवाल को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। इसी के चलते 11 साल की उम्र में उनका दाखिला मुंबई के एक क्रिकेट क्लब में करवा दिया गया। उनके पिता भूपेंद्र कहते हैं कि हमारे गांव में क्रिकेट खेलने की जगह नहीं थी। ऐसे में उन्होंने बच्चे का दाखिला मुंबई के आजाद ग्राउंड में करवाया। लेकिन वहां यशस्वी के रहने की कोई जगह नहीं थी, जिसके चलते उन्हें ग्राउंड मैन के साथ 3 साल तक टेंट में रहना पड़ा। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट की बारीकियां सीखी और बहुत संघर्ष किया। एक इंटरव्यू के दौरान यशस्वी ने बताया था कि अपने शुरुआती क्रिकेट करियर में उन्हें जमीन पर सोना पड़ता था, जहां उन्हें कीड़े और चीटियां काटती थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज ये मुकाम हासिल किया।

गोलगप्पे बेचने से लेकर किराने की दुकान पर किया काम 
एक समय ऐसा था जब यशस्वी जयसवाल का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। ऐसे में बच्चे को क्रिकेट की कोचिंग दिलवाना यशस्वी जयसवाल के पिता भूपेंद्र सिंह के लिए बड़ा मुश्किल था, इसलिए यशस्वी ने अपने पिता का हाथ बटाने का सोचा और क्रिकेट के गुर सीखने के साथ ही उन्होंने किराने की दुकान से लेकर सड़कों पर गोलगप्पे बेचने का काम भी किया।

कोच ने बदली यशस्वी की किस्मत
क्रिकेट कोच ज्वाला ने 13 साल की उम्र में जब आजाद ग्राउंड पर अंजुमन ए इस्लामिया की टीम में यशस्वी जयसवाल को खेलते हुए देखा तो वो उनके खेल से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उनसे पूछा कि 'तुम्हारा कोच कौन है?' तो उसने कहा कि 'कोई नहीं, मैं बड़ों को देख कर सीखता हूं।' यह बात सुनकर ज्वाला सर उसे अपनी एकेडमी में लेकर गए और यह यशस्वी जायसवाल के लिए उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। उन्होंने साल 2020 में अंडर-19 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ 105 रनों की पारी खेली। इस लीग में उन्होंने 312 रन अपने नाम किए। उनके इसी खेल को देखते हुए राजस्थान रॉयल्स की फ्रेंचाइजी ने उन्हें 2 करोड़ 40 लाख रुपए में अपनी टीम में शामिल किया।

ऐसा रहा यशस्वी जयसवाल का IPL करियर
यशस्वी जयसवाल पिछले 3 साल से इंडियन प्रीमियर लीग खेल रहे हैं। आईपीएल के अपने अब तक के करियर में उन्होंने 22 मैचों में 525 रन बनाए हैं। जिसमें 68 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा है, जो उन्होंने आईपीएल 2022 में बनाया। इस साल उन्होंने आईपीएल 2022 के 10 मैचों में 258 रन अपने नाम किए। वहीं, आईपीएल 2022 के फाइनल मैच में उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 16 बॉलों में 1 चौके और 2 छक्के की मदद से अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण 22 रन भी बनाए।

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