हो गया पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कंगाली का खुलासा, खिलाड़ियों से ही मांगा जा रहा कोरोना टेस्ट का पैसा

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में पीसीबी ने घरेलू टूर्नामेंट में खेलने वाले 240 खिलाड़ियों समेत कई अधिकारियों से कोरोना टेस्ट के पैसे मांगे हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास कोरोना टेस्ट के लिए लैबोरेटरी और हॉस्पिटल की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में वह अब खिलाड़ियों से मदद मांग रहा हैं। पाकिस्तान में 30 सितंबर से रावलपिंडी और मुल्तान में नेशनल टी-20 चैम्पियनशिप शुरू होनी है। इसके पहले खिलाड़ियों और अधिकारियों को दो कोरोना टेस्ट कराना जरुरी है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2020 11:01 AM IST / Updated: Sep 15 2020, 04:34 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) हमेशा से आर्थिक तंगी से जूझता रहा है और कोरोना महामारी के बाद से उनकी स्थिति और ज्यादा खराब हो गई। फाइनेंशियल कंडीशन खराब होने के चलते ही पीसीबी ने घरेलू टूर्नामेंट में खेलने वाले 240 खिलाड़ियों समेत कई अधिकारियों से कोरोना टेस्ट (Covid-19 test)के पैसे मांगे हैं। बताया जा रहा हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास कोरोना टेस्ट के लिए लैबोरेटरी और हॉस्पिटल की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में वह अब खिलाड़ियों से मदद मांग रहा हैं। बता दें कि पाकिस्तान में 30 सितंबर से रावलपिंडी और मुल्तान में नेशनल टी-20 चैम्पियनशिप शुरू होनी है। इसके पहले खिलाड़ियों और अधिकारियों को दो कोरोना टेस्ट कराना जरुरी है। 

पीसीबी के पास नहीं है खिलाड़ियों के लिए पैसा!
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बताया कि नेशनल टी - 20 चैंपियनशिप में भाग लेने के लिये हर खिलाड़ी और अधिकारी को 2 कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी हैं। पहले टेस्ट का भुगतान खिलाड़ियों और अधिकारियों को खुद करना होगा और दूसरे टेस्ट के पैसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड देगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के इस आदेश से समझ आ रहा है कि उसकी माली हालात अब और ज्यादा खराब हो गई है। आर्थिक तंगी के चलते पीसीबी ने हाल ही में अपने 5 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। इस दौरान पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। यदि यही स्थिति रही तो पीसीबी बस 2 से 3 साल तक ही चलाया जा सकता है।

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भारत से मदद की उम्मीद 
भारत और पाकिस्तान के बीच में जब भी कोई सीरीज होती थी, तो उससे करोड़ों रुपए की कमाई होती थी। पिछले 7 सालों से इंडिया- पाक (India - Pakistan) के बीच कोई भी सीरीज नहीं हुई है। इस कारण करीब 663 करोड़ का नुकसान हुआ है। हाल ही में पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से निकालने के लिए भारत के साथ सीरीज कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, 'मैं चाहता हूं कि इस संकट के समय में भारत-पाकिस्तान के बीच खाली स्टेडियम में मैच होना चाहिए। यदि दोनों देशों के बीच 3 वनडे या टी-20 की सीरीज होती है, तो करोड़ों रुपए का फायदा होगा। जिसे दोनों देश आधा-आधा रख सकते हैं। हालांकि इस पर दोनों देश राजी नहीं हुए'।

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से भी पीसीबी ने मांगी मदद
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से भी मदद मांगी है। दरअसल, जिंबाब्वे (Zimbabwe) के खिलाफ आने वाली इंटरनेशनल सीरीज में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल तैयार करने के लिए पाकिस्तान को इंग्लैंड की मदद चाहिए। बता दें कि जिंबाब्वे की टीम को 20 अक्टूबर को पाकिस्तान पहुंचेगी। जिसके बाद पीसीबी के मुल्तान और रावलपिंडी में टी20 और वन डे इंटरनेशल मैचों का आयोजन कराने की उम्मीद है।

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