सचिन ने बताया, अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट, जब उन्हें खेलने के लिए करनी पड़ी थी विनती

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के टर्निंग प्वाइंट को याद करते हुए कहा कि 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में भारत के लिये पारी का आगाज करने के लिये उन्हें विनती करनी पड़ी थी। तेंदुलकर के लिये मध्यक्रम बल्लेबाजी से हटकर पारी का आगाज करने का कदम मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ था, जिससे वह 50 ओवर के प्रारूप में विश्व रिकार्ड 49 शतक जड़ पाये थे।

Asianet News Hindi | Published : Sep 26, 2019 7:04 AM IST / Updated: Sep 26 2019, 01:06 PM IST

नयी दिल्ली. महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के टर्निंग प्वाइंट को याद करते हुए कहा कि 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में भारत के लिये पारी का आगाज करने के लिये उन्हें विनती करनी पड़ी थी। तेंदुलकर के लिये मध्यक्रम बल्लेबाजी से हटकर पारी का आगाज करने का कदम मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ था, जिससे वह 50 ओवर के प्रारूप में विश्व रिकार्ड 49 शतक जड़ पाये थे।

तेंदुलकर ने शेयर किया वीडियो

- लिंकडिन पर एक वीडियो साझा करते हुए तेंदुलकर ने आकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे के दौरान हुए क्षणों को याद किया। उन्होंने कहा, "1994 में जब मैंने भारत के लिये बल्लेबाजी का आगाज किया था तो सभी टीमों की रणनीति विकेट बचाये रखने की होती थी। लेकिन मैंने थोड़ा इससे हटकर करने की कोशिश की।"

- तेंदुलकर ने कहा, "मैंने सोचा कि मैं आगे बढ़कर प्रतिद्वंद्वी गेंदबाजों से डटकर सामना कर सकता हूं। लेकिन मुझे विनती करनी पड़ी कि कृप्या मुझे मौका दो। अगर मैं विफल रहूंगा तो मैं फिर आपके पास नहीं आऊंगा।"

विफलता के डर से जोखिम लेने से मत डरो : सचिन

- अपने उस कदम को उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल करते हुए पूर्व बल्लेबाज ने अपने प्रशंसकों से आग्रह किया कि विफलता के डर से जोखिम लेने से डरो मत।

- तेंदुलकर ने कहा, "न्यूजीलैंड के खिलाफ आकलैंड में पहले मैच में मैंने 49 गेंद में 82 रन बनाये इसलिये मुझे दोबारा नहीं पूछना पड़ा कि मुझे दूसरा मौका मिलेगा या नहीं। वे चाहते थे कि मैं पारी का आगाज करूं। लेकिन मैं यह कहने की कोशिश कर रहा हूं कि असफलता से डरो मत।" मध्यक्रम के बाद पारी का आगाज करने पर उन्होंने सितंबर 1994 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलंबो में अपना पहला वनडे शतक जड़ा था।

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