ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न सिगरेट को लेकर अपने कोच से भी लड़ गए थे। उन्होंने सिगरेट ना मिलने पर कैंप में आने से भी मना कर दिया था। कंगारू टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने यह खुलासा किया है। सिगरेट को लेकर वार्न का प्रेम जग जाहिर है, पर क्लार्क ने 2006 एशेज सीरीज की एक घटना का यहां जिक्र किया है।
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न सिगरेट को लेकर अपने कोच से भी लड़ गए थे। उन्होंने सिगरेट ना मिलने पर कैंप में आने से भी मना कर दिया था। कंगारू टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने यह खुलासा किया है। सिगरेट को लेकर वार्न का प्रेम जग जाहिर है, पर क्लार्क ने 2006 एशेज सीरीज की एक घटना का यहां जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले ट्रेनिंग कैंप में सभी खिलाड़ियों को सिर्फ जरूरी सामान ले जाने की ही इजाजत थी। इसमें टी शर्ट, पैंट, जुराब अंडरवियर, जॉगर्स और एक कैप शामिल था, पर वार्न ने सिगरेट के लिए इन सभी चीजों को छोड़ दिया था। उन्होंने कोच से साफ कहा था कि अगर उन्हें सिगरेट नहीं लाने दी जाएगी तो वो कैंप में नहीं आएंगे।
वार्न के जिद पकड़ने के बाद कोच ने उनसे कहा था कि अगर उन्हें सिगरेट ले जानी है तो उसके हर पैकेट के बदले में अपना कोई सामान बाहर रखना होगा। इसके बाद वार्न ने तुरंत सिगरेट के 6 पैकेट बैग में रख लिए थे और उसके बदले में अपने अंडरवियर और जुराब बाहर छोड़ दिए थे। उन्हें ऐसा करने में कोई परेशानी भी नहीं हुई थी।
प्रदर्शन पर सिगरेट का नहीं होता था कोई असर
क्लार्क ने आगे बताया कि वार्न ने 6 पैकेट सिगरेट के लिए अपने 3 जोड़ी जुराब और 3 जोड़ी अंडरवियर बाहर छोड़ दिए थे। इसके बाद उन्होंने एक दिन रात में देखा कि किसी खिलाड़ी के स्लीपिंग बैग से नारंगी रोशनी आ रही थी। वो शेन वार्न थे। वार्न उस समय सिगरेट पी रहे थे। हालांकि वार्न की सिगरेट की लत का असर उनके खेल पर नहीं पड़ता था। उन्होंने इस सीरीज में भी 23 विकेट लिए थे और स्टुअर्ट क्लार्क के बाद सबसे सफल गेंदबाज थे। ऑस्ट्रेलिया ने यह सीरीज 5-0 से जीती थी। इसके बाद ही 2007 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।