अचानक ही सबके पसंदीदा विकेट कीपर बन गए संजू सैमसन, 125 गेंदों में जड़ दिया था दोहरा शतक

भारत के अलावा ऋषभ ने घरेलू मैदानों में भी बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है, जिसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट संजू सैमसन को पंत की जगह अंतिम 11 में शामिल करना चाह रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 28, 2019 12:36 PM IST / Updated: Nov 28 2019, 06:07 PM IST

नई दिल्ली. भारतीय टीम में विकेटकीपर की खोज लंबे समय से जारी है। पिछले एक दशक से भारतीय टीम की सेवा कर रहे धोनी अब अपने करियक के आखिरी पड़ाव पर पहुंच गए हैं। जल्द ही धोनी क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लेंगे और भारत को उनकी जगह एक काबिल विकेटकीपर की जरूरत होगी। टेस्ट में साहा ने अपनी शानदार कीपिंग से सभी का दिल जीत लिया है, पर धोनी की तरह वनडे में उनका प्रदर्शन शानदार नहीं है। साहा की बल्लेबाजी टीम को कोई भरोसा नहीं देती और टीम को धोनी की ही तरह विस्फोटक बल्लेबाज की टीम को जरूरत है। ऋषभ पंत इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त विकेटकीपर नजर आ रहे थे, पर भारतीय टीम में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। भारत के अलावा ऋषभ ने घरेलू मैदानों में भी बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है, जिसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट संजू सैमसन को पंत की जगह अंतिम 11 में शामिल करना चाह रहा है।

शैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जड़ा था दोहरा शतक
संजू सैमसन इस समय शानदार फॉर्म में हैं। शैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में संजू ने सिर्फ 125 गेंदों में दोहरा शतक जड़ दिया था। इसके अलावा संजू ने घरेलू स्तर और इंडिया ए के लिए भी लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। संजू घरेलू मैचों में दोहरा शतक लगाने वाले छठे भारतीय बल्लेबाज हैं। सैमसन से पहले सचिन, सहवाग, रोहित,धवन और कर्ण कौशल घरेलू क्रिकेट में दोहरा शतक लगा चुके हैं। संजू सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर हैं। 53 फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले संजू ने 36 से अधिक के औसत से 2945 रन बनाए हैं। वहीं 88 लिस्ट ए मैच में उनके 2281 रन हैं। सैमसन ने भारत के लिए एकमात्र T-20 मैच खेला है, जिसमें उन्होंने 19 रन बनाए थे। 

विकेटकीपिंग के अलावा फील्डिंग का हुनर
संजू सैमसन उन चुनिंदा खिलाड़ियों में हैं, जिन्हें विकेटकीपिंग या फील्डिंग दोनों काम करने में कोई परेशानी नहीं होती। आमतौर पर विकेटकीपिंग करने वाले खिलाड़ी फील्डिंग के दौरान कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाते और अधिकतर टीमें अपनी प्लेइंग इलेवन में दो विकेटकीपर शामिल करने में हिचकिचाती हैं, पर संजू सैमसन को फील्डिंग करने में भी कोई परेशानी नहीं है। राजस्थान के लिए संजू ने आउटफील्ड में कई शानदार कैच पकड़े हैं। उनकी यह खासियत बतौर बल्लेबाज उनकी अहमियत बढ़ा देती है। विकेटकीपिंग में भी संजू का रिकॉर्ड शानदार है, हालांकि धोनी और साहा जैसी विकेटकीपिंग की उम्मीद संजू से नहीं की जा सकती, पर IPL के मैचों में उन्होंने पंत से ज्यादा परिपक्वता दिखाई है। 

निडर बल्लेबाजी बनाती है खास बल्लेबाज
संजू सैमसन एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज हैं, जिनका बल्लेबाजी का अंदाज बहुत ही शानदार है। संजू जहां T-20 में विस्फोटक बल्लेबाजी करते हैं वहीं रणजी मैचों में उन्हें लंबी पारियां खेलना भी आता है। संजू अपना नैचुरल गेम खेलने में विश्वास रखते हैं और दबाव भरे हालात में भी अपने शॉट्स खेलते रहते हैं। संजू के साथ खेलने वाले बल्लेबाज को इस बात का फायदा मिलता है और वह अपनी पारी अच्छे से बना लकता है। संजू के बल्लेबाजी का अंदाज बहुत ही शानदार है, जब संजू लय में होते हैं तब नान स्ट्राइक में खड़े होकर उन्हें खेलते देखना उनके कई साथी खिलाड़ियों को बहुत पसंद है।      

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