कोरोना महामारी के बीच कैसे UAE पहुंचा IPL, क्रिकेट के लिए कितना बेस्ट डेस्टिनेशन है ये गल्फ कंट्री?

आईपीएल में कई हजार करोड़ रुपये का दांव लगा है। बड़े आर्थिक नुकसान से बचने के लिए इसे इसी साल किसी न किसी तरीके कराना ही था। बीसीसीआई ने आधिकारिक रूप से यूएई का वेन्यू चुना है। टीमें वहां जाने के लिए तैयारी कर रही हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 7, 2020 12:42 PM IST / Updated: Aug 07 2020, 07:36 PM IST

स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू टी 20 क्रिकेट टूर्नामेंट आईपीएल के 13वें सीजन का शेड्यूल अनाउंस कर दिया है। मगर अभी तक भारत सरकार ने यूएई में टूर्नामेंट कराने की लिखित मंजूरी नहीं दी है। हालांकि कहा जा रहा है कि भारत सरकार ने बीसीसीआई के प्रपोजल को हरी झंडी दे दी है और कभी भी रिटेन अप्रूवल जारी कर दिया जाएगा। इस बीच टीम फ्रेंचाइजीज ने यूएई पहुंचने की तैयारियों को भी शुरू कर दिया है। 

इसी साल मार्च में प्रस्तावित आईपीएल को कोरोना की महामारी के बाद टालना पड़ा था। बाद में देश के अंदर ही खाली स्टेडियमों में इसे कराने या श्रीलंका, यूएई और न्यूजीलैंड के रूप में किसी विदेशी जमीन पर आईपीएल ले जाने की अटकलें सामने आईं। लेकिन न्यूजीलैंड ने आईपीएल कराने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था। बाद में बीसीसीआई ने आधिकारिक रूप से यूएई का वेन्यू और शेड्यूल अनाउंस किया। भारत से बाहर गल्फ कंट्री तक आईपीएल पहुंचने के पीछे तीन सबसे बड़ी वजहें रहीं। 

 

#1. पहली बड़ी वजह 
आईपीएल में कई हजार करोड़ रुपये का दांव लगा है। बड़े आर्थिक नुकसान से बचने के लिए इसे इस साल किसी न किसी तरीके कराना ही था। कोरोना वायरस की वजह से बीसीसीआई की सुरक्षा चिंताएं बड़ी वजह हैं। पिछले एक महीने के दौरान भारत में जिस तरह से क्रिकेट इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में सम्पन्न राज्यों में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़े उसने बीसीसीआई की चिंताएं और बढ़ा दी। जबकि यूएई में कोरोना के मामलों की रफ्तार बहुत कम है। पिछले दो महीनों में केसेस का इंडेक्स भी बहुत नीचे गिरा है। यहां फरवरी में कोरोना का पहला मामला दर्ज हुआ था। यूरोपियन सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मई में किसी एक दिन सबसे हाइएस्ट 900 प्लस केस दर्ज हुए थे। इसके बाद कोरोना के कंफर्म मामले लगातार कम होते गए जो अगस्त में आज की तारीख तक 400 से नीचे आ चुका हैं। 

#2. दूसरी बड़ी वजह 
भारत में एक दिन में 50 हजार से ज्यादा तक मामले सामने आए हैं। कोरोना को लेकर जिस तरह के हालात देश में बने हैं उसमें सुरक्षा वजहों से विदेशी खिलाड़ियों और सपोर्टिंग स्टाफ के शामिल होने को लेकर आशंका थी। टीम फ्रेंचाइजीज ने विदेशी खिलाड़ियों में बहुत पैसा लगाया है और उनकी अनुपस्थिति में टीम की योजनाओं पर असर पड़ता। 

#3. तीसरी बड़ी वजह 
यूएई को आईपीएल का अनुभव है। 2014 में आईपीएल के 20 मैचों को होस्ट कर चुका है। तब लोकसभा चुनाव की वजह से आईपीएल के कुछ मैचों को यूएई शिफ्ट करना पड़ा था। यूएई में ज्यादा क्रिकेट ग्राउंड तो नहीं हैं, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर के दूसरे मामलों में इस खाड़ी देश का कोई जवाब नहीं। आईपीएल के पूर्व चेयरमैन राजीव शुक्ला ने भी यूएई को बेहतरीन स्पॉट करार देते हुए कहा कि दोनों के टाइम जोन में बहुत मामूली अंतर है। भारत में प्रसारण के लिहाज से यूएई ही सबसे बेस्ट है। 

पैसे का गणित समझ लीजिए 
इस पूरे टूर्नामेंट की ब्रांड वैल्यू 47,500 करोड़ आंकी गई है। पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने आईपीएल के 13वें सीजन को लेकर एक यूट्यूब वीडियो में बताया था कि प्रसारण के लिए स्टार स्पोर्ट्स बीसीसीआई को 3000 करोड़ रुपये देता है। मैदान पर लगे विज्ञापनों से 1000 करोड़ रुपये की कमाई होती है। इसमें से टीम फ्रेंचाइजी को भी एक हिस्सा मिलता है। हर फ्रेंचाइजी को करीब 170 करोड़ रुपये का नुकसान होता। प्रसारण करने वाले चैनल विज्ञापनों से कई हजार करोड़ की कमाई करते हैं। बीसीसीआई, आईपीएल में कमाई से कई क्रिकेट बोर्ड को भी हिस्सा देता है, सीजन रद्द होने की स्थिति में सभी पर इसका असर पड़ता। 

 

पर इन दिक्कतों का यूएई के पास हल नहीं 
ऐसा नहीं है कि सबकुछ यूएई के पक्ष में ही है। यूएई की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उसके पास ज्यादा क्रिकेट ग्राउंड ही नहीं हैं। यूएई में सिर्फ पांच क्रिकेट के मैदान हैं। शारजाह को छोडकर ज़्यादातर कुछ साल पहले बने हैं। इसमें से कुछ ऐसे हैं जहां सिर्फ एक या दो इंटरनेशनल मैच खेले गए हैं। और कुछ ऐसे भी जहां फुटबाल के मैच होते रहे हैं। भारत में बहुत सारे ग्राउंड पर आईपीएल के मैच होते रहे हैं। यूएई में एक ही मैदान पर ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने पड़ेंगे। मैच दर मैच ये टूटते जाएंगे और आईपीएल के रोमांच को प्रभावित कर सकते हैं। मौसम भी बुरा असर डाल सकता है। चेन्नई सुपर किंग्स के धुरंधर सुरेश रैना और कुछ दूसरे खिलाड़ियों ने माना भी है कि यूएई के वेदर में क्रिकेट चैलेंजिंग होगा। 

दरअसल, खाड़ी देशों का मौसम दिन में गर्म और शाम के बाद ठंडा होता है। यूएई का विकेट आमतौर पर बल्लेबाजों और स्पिनर्स के लिए फायदेमंद होता है। यहां के मौसम से तेज गेंदबाजों को कम मदद मिलेगी। स्पिनर्स का दबदबा बढ़ सकता है। आईपीएल के इस सीजन में अच्छे स्कोरिंग मैच देखने की उम्मीद ज्यादा है। 

जिन 5 ग्रांउड पर मैच होगा उनका इतिहास 

#1. दुबई क्रिकेट स्टेडियम 
यह सबसे बड़ा स्टेडियम है। 2009 में बने स्टेडियम की दर्शक क्षमता 25000-30000 है। यहां पहला मैच (एकदिवसीय) पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। यहां आखिरी मैच 2018 में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच खेला गया टेस्ट था। 

#2. शेख जायद क्रिकेट स्टेडियम 
इसे 2004 में बनाया गया था। यूएई के दूसरे बड़े स्टेडियम की दर्शक क्षमता 20 हजार है। यहां की सबसे यादगार चीज भारत और पाकिस्तान के बीच खेली गई वनडे सीरीज है। इस स्टेडियम का इस्तेमाल फुटबाल के लिए भी हुआ है। 


 

#3. शारजाह क्रिकेट स्टेडियम 
ये यूएई का सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है जिसे 1982 में बनाया गया था। दर्शक क्षमता 17000 है। यहां पर क्रिकेट के कई यादगार और सबसे ज्यादा मैच खेले गए हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच 1984 में यहां पहला एकदिवासीय मैच खेला गया था। जबकि पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच 2002 में पहला टेस्ट मैच खेला गया था। 

#4. ICC एकेडमी ग्राउंड 
2012 में इस क्रिकेट ग्राउंड का उद्घाटन कीनिया और स्कॉटलैंड के बीच खेले गए टी20 मैच से हुआ था। इस ग्राउंड का इस्तेमाल 2014 में अंडर-विश्वकप के लिए भी हो चुका है। 

#5. Tolerance Oval 
ये अबु धाबी में शेख जायद क्रिकेट स्टेडियम का ही हिस्सा है। पहले यह शेख जायद क्रिकेट स्टेडियम नर्सरी के रूप में जाना जाता था। यहां सिर्फ दो मैच खेले गए हैं। 2018 में ऑस्ट्रेलिया-यूएई के बीच टी 20 2019 में हांग कांग नाइजीरिया के बीच टी 20 खेला गया था। 

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