70 सीटों में शाहीन बाग में BJP की सबसे बड़ी हार, अमानतुल्लाह खान ने 80 हजार के मार्जिन से दर्ज की जीत

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में आप पार्टी ने एक बार फिर भारी बहुमत हासिल किया है। तीसरी बार आप पार्टी सरकार बनाएगी। मतगणना की सबसे खास बात यह है कि चुनाव में सबसे बड़ी जीत आप उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान की है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2020 12:01 PM IST / Updated: Feb 11 2020, 07:57 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में आप पार्टी ने एक बार फिर भारी बहुमत हासिल किया है। तीसरी बार आप पार्टी सरकार बनाएगी। मतगणना की सबसे खास बात यह है कि चुनाव में सबसे बड़ी जीत आप उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान की है। 80 हजार से ज्यादा वोटों के मार्जिन से जीतने वाले अमानतुल्लाह ओखला विधानसभा क्षेत्र से मैदान में थे। उनके सामने भाजपा से ब्रह्म सिंह जबकि कांग्रेस से परवेज हाशमी थे। इस जीत की एक और खास बात यह है कि इसी विधानसभा क्षेत्र में शाहीन बाग आता है। साल 2015 में भी इस सीट से अमानतुल्लाह जीते थे। 

आखिर विवादों में क्यों रहा शाहीन बाग?

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में ओखला विधानसभा क्षेत्र में आने वाले शाहीन बाग में 15 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। धीरे-धीरे आंदोलन बढ़ता गया। चुनाव नजदीक आया तो भाजपा के नेताओं ने इसे लेकर बयान देना शुरू कर दिया।

- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था, "यह शाहीन बाग अब सिर्फ आंदोलन नही रह गया है। यहां सूइसाइड बॉम्बर का जत्था बनाया जा रहा है। देश की राजधानी में देश के खिलाफ साजिश हो रही है। अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम मशीन की बटन इतनी तेज से दबाना कि करंट शाहीन बाग में लगे। पीएम मोदी भी इशारों-इशारों में कहा था कि यह संयोग नहीं प्रयोग है। 

रास्ता खुलवाने पर भी हुआ विवाद

शाहीन बाग में करीब 59 दिन से आंदोलन चल रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान यहां बंद रास्ते को लेकर मुद्दा उठाया गया। यहां के स्थानीय लोगों का आरोप था कि शाहीन बाग में धरने की वजह से रास्ता बंद है और उन्हें आने जाने में दिक्कत होती है। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। कोर्ट ने कहा कि जैसे उचित हो वैसे दिल्ली पुलिस धरने को खत्म करे। 

1993 में पहली बार जनता दल ने जीता था चुनाव

जनता दल के उम्मीदवार रहे परवेज हाशमी ने 1993 में यहां पहली बार जीत हासिल की थी। इसके बाद 1998 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यह जीत का क्रम 2008 तक जारी रहा। जिसके बाद 2009 में हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार आशिफ मुहम्मद खान ने जीत हासिल की। बाद में 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान आशिफ मुहम्मद कांग्रेस में शामिल हो गए। इस चुनाव में आशिफ मोहम्मद को जीत मिला। 

2015 में आम आदमी पार्टी के पास सीट चली गई

2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अमानतुल्लाह खान को अपना उम्मीदवार बनाया। जिसमें अमानतुल्लाह खान ने रिकॉर्ड 1,04,271 वोट हासिल किए। जबकि भाजपा के उम्मीदवार ब्रह्मा सिंह 39,739 मत हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे।

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