ट्रम्प के जाने तक सड़कें खाली करा दें, नहीं तो उसके बाद हमें मत समझाना...भाजपा नेता ने दिया अल्टीमेटम

सीएए के विरोध में शाहीन बाग में 2 महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है। लेकिन रविवार को दिल्ली के दूसरे इलाकों में सीएए को लेकर हिंसा शुरू हो गई। जाफराबाद के पास मौजपुर में पत्थरबाजी हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2020 1:54 PM IST / Updated: Feb 23 2020, 10:10 PM IST

नई दिल्ली. सीएए के विरोध में शाहीन बाग में 2 महीने से ज्यादा समय से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है। लेकिन रविवार को दिल्ली के दूसरे इलाकों में सीएए को लेकर हिंसा शुरू हो गई। जाफराबाद के पास मौजपुर में पत्थरबाजी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएए के समर्थन और विरोध कर रहे दो गुटों के बीच पथराव हुआ। वहीं दूसरे ओर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को अल्टीमटम दिया है कि 3 दिन में जाफराबाद और चांदबाग की सड़कें खाली करवाइए। इसके बाद हमें मत समझाइएगा।  

ट्रम्प के जाने तक सड़क खाली करा दें: कपिल मिश्रा

Latest Videos

कपिल मिश्रा ने कहा, दिल्ली में आग लगी रही। ये यही चाहते हैं। इसीलिए दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं। हमारी तरफ से किसी ने पत्थर नहीं चलाया। ट्रम्प के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद तो हम आपकी भी नहीं सुनेंगे। रास्ते खाली नहीं हुए तो। ट्रम्प के जाने तक आप जाफराबाद और चांद बाग की सड़के खाली करवा दीजिए। उसके बाद हमें रोड पर आना पड़ेगा। इसके बाद हमें मत समझाइएगा। हम आपकी भी नहीं सुनेंगे। सिर्फ तीन दिन।

कैसे बिगड़ा माहौल?

दरअसल शाहीन बाग की तर्ज पर शनिवार की देर रात नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू किया। अगले दिन रविवार दोपहर चांदबाग में भी ऐसा ही प्रदर्शन शुरू हुआ। कुछ देर बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा सीएए के समर्थन में सड़क पर उतर गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी दौरान दोनों गुटों में पत्थरबाजी शुरू हुई। 

15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है 

शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम की बटन इतनी तेजी से दबाना की करंट शाहीन बाग में लगे।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?

नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography
Navratri 2024 : ये हैं मां दुर्गा के 108 नाम, नवरात्रि में 9 दिन करें इनका जाप
Pitra Paksha में महिलाओं को नहीं करने चाहिए 6 काम
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान