दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिला। 62 सीटों के साथ आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार 16 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा में बड़ी जीत के बाद अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीट, भाजपा को 8 और कांग्रेस को 0 सीट मिली है। वोट प्रतिशत की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 53 प्रतिशत और भाजपा को 38 प्रतिशत वोट मिले हैं। दिल्ली विधानसभा की 70 विधानसभा सीटों पर शनिवार को 62.59 प्रतिशत मतदान हुआ था। चुनाव जीतने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, यह भारत माता की जीत है। दिल्ली के लोगों की जीत है।
तीसरी बार लेंगे सीएम पद की शपथ
अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले उन्होंने दो बार दिल्ली के सीएम पद का संभाला है। पहली बार 48 दिन के लिए सीएम बने। फिर दूसरी बार 5 साल सीएम पद संभाला। अब तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद शपथ लेंगे।
आप और कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटा, भाजपा का बढ़ा
दिल्ली चुनाव में वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा को फायदा हुआ। जबकि आप और कांग्रेस को वोट प्रतिशत का घाटा हुआ है। भाजपा को साल 2015 में 32.3 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 38.4 प्रतिशत हो गया है। वहीं आप का वोट प्रतिशत साल 2015 में 54.5 प्रतिशत था, जब अब थोड़ा सा कम हुआ है और 53.7 प्रतिशत पर आ गया है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत साल 2015 की तुलना में आधा हो गया है। कांग्रेस को साल 2015 में 9.7 प्रतिशत वोट मिला था, जो अब घटकर 4.3 प्रतिशत ही रह गया है।
आप की सीट भी घटी, कांग्रेस जस की तस
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोट प्रतिशत में 6.1 प्रतिशत वोट बढ़े हैं। वहीं सीटों की संख्या भी 3 से बढ़कर 8 हो गई है। आप के वोट प्रतिशत में 0.8 प्रतिशत का घाटा हुआ है। सीटों की संख्या भी 67 से घटकर 62 पर आ गई है। कांग्रेस की सीट जीरो की जीरो बनी हुई है, लेकिन वोटों की संख्या में आधी कमी हो गई है। कांग्रेस का वोट 5.4 प्रतिशत कम हुआ है।
शिवसेना ने केजरीवाल की तारीफ की
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में दिल्ली चुनाव पर संपादकीय लिखा, जिसमें अरविंद केजरीवाल की तारीफ की गई। सामना में लिखा गया, दिल्ली की जीत में हैरान करने वाला कुछ भी नहीं है। दिल्ली की हार पीएम मोदी से ज्यादा अमित शाह के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था।