
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की घोंडा सीट (Ghonda assembly constituency) सामान्य है। इसे 1972 में बनाया गया था। यह नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। कांग्रेस के भीष्म शर्मा 3 बार लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार बीजेपी के अजय महावर ने जीत दर्ज की है। जबकि 2015 में जीत दर्ज करने वाले आप के श्रीदत्त शर्मा को हार का सामना करना पड़ा।
पहली बार कांग्रेस ने भारतीय जनसंघ को दी थी मात
साल 1972 में बनी इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और जनसंघ के बीच था। जिसपर कांग्रेस के हरगैन सिंह ने भारतीय जनसंघ के देवकी नंदन शर्मा को 10,781 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। हरगैन सिंह को कुल 28,315 और देवकी नंदन को 17,534 वोट मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर रिपब्लिक पार्टी आफ इंडिया के इमदाद सबर को 2352 वोट मिले थे।
बीजेपी के खाते से आप ने छीन ली थी ये सीट
2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के साहब सह चौहान ने 47,531 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। आप के दाताराम कुल 23,621 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के भीष्म शर्मा ने 35,599 वोटों के साथ जगह बनाई थी। लेकिन 2015 के चुनाव में आप ने अपना उम्मीदवार बदल दिया। दाताराम की जगह श्रीदत्त शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा जबकि बीजेपी और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों में फेरबदल नहीं किया। यहीं पर आप को फायदा हुआ और श्रीदत्त शर्मा 60,906 वोट के साथ विजेता बने। जबकि बीजेपी के साहब चौहान को 52,813 और कांग्रेस के भीष्म शर्मा को 18,892 वोट से संतोष करना पड़ा।
घोंडा दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में पड़ता है। यह काफी समृद्ध इलाका है और गाजियाबाद के करीब है। यह यमुना विहार की एक पॉश कॉलोनी है। इस क्षेत्र में 4 गांव घोंडा, उस्मानपुर, गामड़ी और गढ़ी मांडू शामिल हैं। इनका पुराना इतिहास है, लेकिन अब यहां अवैध कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों की भरमार हो गई है। यहां की सड़कों का हाल भी बुरा है और अक्सर जाम लगा रहता है। हर तरफ कचरे का ढेर फैला रहता है। इससे यहां डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का काफी प्रकोप फैलता है।