मार्च या मुलाकात : शाहीन बाग प्रदर्शनकारी कल अमित शाह से करेंगे मुलाकात, कहा- बच्चा, बूढ़ा जवान सब जाएंगे

शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाली महिलाएं रविवार को अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि महिलाएं उनके घर पहुंच सकती हैं। दरअसल अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सीएए और एनआरसी पर कोई मुझसे बात करना चाहता है तो मेरे ऑफिस से संपर्क करे, तीन दिन के अंदर उससे मुलाकात करूंगा। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 15, 2020 10:59 AM IST / Updated: Feb 15 2020, 05:56 PM IST

नई दिल्ली. शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाले लोग रविवार को अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग कल दोपहर 2 बजे उनके घर पहुंच सकते हैं। दरअसल अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि सीएए और एनआरसी पर मुझसे कोई बात करना चाहता है तो मेरे ऑफिस से संपर्क करे, 3 दिन के अंदर उससे मुलाकात करूंगा। इसके 2 दिन बाद शाहीन बाग से खबर आई कि वहां प्रदर्शन कर रहे लोग अमित शाह से मिलेंगे। हालांकि इस मुलाकात को लेकर अमित शाह या फिर उनके ऑफिस की तरफ से  कोई बयान नहीं आया है। ऐसे में यह मुलाकात एक मार्च के रूप में देखी जा रही है जो शाहीन बाग से निकलकर अमित शाह के घर तक जाएगा।

"कोई डेलीगेशन नहीं, बल्कि हर बच्चा, बूढ़ा और जवान जाएगा"

शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाले लोगों ने बताया, हम कल आ रहे हैं। 2 बजे का टाइम है। अमित शाह जी ने पूरे शाहीन बाग को बुलाया है। यहां का कोई डेलीगेशन नहीं जाएगा। यहां का हर एक आदमी, हर एक बच्चा अमित शाह से मिलने जाएगा। कोई 10 लोग या 20 लोग नहीं जाएगा, बल्कि वो हर एक इंसान अमित  शाह से मिलने जाएगा, जिसे लगता है कि नागरिकता कानून से खतरा है। डर है। 

15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है

शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम की बटन इतनी तेजी से दबाना की करंट शाहीन बाग में लगे। 

शाहीन बाग मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?

नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।

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