दिल्ली की शकूर बस्ती से आप के सत्येन्द्र जैन जीते, बीजेपी के एससी वत्स को हराया

सत्येन्द्र जैन को जहां 44 हजार से ज्यादा वोट मिले वहीं वत्स को करीब 38 हजार वोट मिले। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस के देवराज अरोड़ा को महज 2700 वोटों से संतोष करना पड़ा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2020 11:11 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 03:14 PM IST

नई दिल्ली। शकूर बस्ती दिल्ली विधानसभा की सामान्य सीट है। इस सीट से आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन जीत गए हैं। सत्येन्द्र जैन ने भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंद्वी एससी वत्स को हराया। सत्येन्द्र जैन को जहां 44 हजार से ज्यादा वोट मिले वहीं वत्स को करीब 38 हजार वोट मिले। तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस के देवराज अरोड़ा को महज 2700 वोटों से संतोष करना पड़ा। ये विधानसभा सीट चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। शकूर बस्ती विधानसभा सीट के लिए 1993 से अब तक छह बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं। यहां से दो-दो बार बीजेपी, कांग्रेस और आप के उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं।

पुराने कांग्रेसी पर बीजेपी ने फिर जताया भरोसा
बीजेपी उम्मीदवार गौरी शंकर भारद्वाज ने पहली बार यहां 1993 में जीत हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी के श्याम लाल गर्ग ने भी 2008 में जीत हासिल की। मगर कांग्रेस के एससी वत्स के हाथों बीजेपी को 1998 और 2003 में पराजय मिली। 2013 के चुनाव में आप के सत्येन्द्र ने बीजेपी के श्याम लाल गर्ग को हराकर ये सीट जीती। 2015 के चुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदला और कांग्रेस से आए पूर्व विधायक एससी वत्स को टिकट दिया। बावजूद वत्स, सत्येन्द्र जैन को नहीं रोक पाए। जैन एक बार फिर तीन हजार से कुछ ज्यादा मतों से सीट जीतने में कामयाब रहे।

आप का वोट बढ़ा पर कम हो गया हार जीत का अंतर
शकूर बस्ती में पिछले दो चुनाव में आप उम्मीदवार सत्येन्द्र जैन का मत प्रतिशत बढ़ा है। मगर हार जीत का अंतर 2013 के मुक़ाबले 2015 में घट गया। 2013 में जैन की जीत का अंतर करीब सात हजार से ज्यादा था जो 2015 में तीन हजार से कुछ ज्यादा पर पहुंच गया।  

शकूर बस्ती दिल्ली के पश्चिम में है। यह दिल्ली की एक पुरानी बस्ती होने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र भी है। यहां से पश्चिम विहार और पंजाबी बाग इलाके काफी नजदीक हैं। यहां बड़ी संख्या में अप्रवासी मजदूर रहते हैं। यहां एक रेलवे स्टेशन भी है, जो काफी  महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां का बाजार भी अच्छा-खासा है। 

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