10वीं में नहीं हो कोई फेल, इसलिए गणित में कमजोर बच्चों को स्पेशल क्लास देगी केजरीवाल सरकार

Published : Dec 31, 2019, 06:32 PM IST
10वीं में नहीं हो कोई फेल, इसलिए गणित में कमजोर बच्चों को स्पेशल क्लास देगी केजरीवाल सरकार

सार

सीएम केजरीवाल ने कहा कि, सरकारी स्कूलों के लगभग 30,000 कक्षा के छात्रों के लिए जनवरी में बाहरी एजेंसियों द्वारा गणित की स्पेशल क्लास संचालित की जाएंगी। इस कदम का लक्ष्य आगामी बोर्ड परीक्षा में स्कूलों के रिकॉर्ड में सुधार करना है।

नई दिल्ली. राजधानी में विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर आम आदमी पार्टी ने चुनावी प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल नई-नई घोषणाएं करते नजर आ रहे हैं। इस बीच उन्होंने कहा है कि, पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए करीब 342 स्कूलों में गणित की स्पेशल क्लास दी जाएंगी। इससे पहले केजरीवाल मुफ्त बिजली, स्टूडेट्स के लिए फ्री बस सेवा जैसी घोषणाएं कर चुके हैं। 

सीएम केजरीवाल ने कहा कि, सरकारी स्कूलों के लगभग 30,000 कक्षा के छात्रों के लिए जनवरी में बाहरी एजेंसियों द्वारा गणित की स्पेशल क्लास संचालित की जाएंगी। इस कदम का लक्ष्य आगामी बोर्ड परीक्षा में स्कूलों के रिकॉर्ड में सुधार करना है। यह पहल पिछले कुछ महीनों से चल रही है और सोमवार को दिल्ली कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 

ये सरकारी स्कूल हुए शॉर्टलिस्ट

सीएम ने कहा कि, रिजल्ट में कमजोर प्रदर्शन करने वाले कुल 342 सरकारी स्कूलों को पहल के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। इन स्कूलों ने पिछले साल दसवीं कक्षा की गणित बोर्ड की परीक्षा में 55% से कम का पासिंग रिकॉर्ड दर्ज किया था, जबकि स्कूल में सबसे कम पास प्रतिशत 7.02% दर्ज किया गया था। इन 342 स्कूलों के कुल 30,497 छात्र पिछले साल परीक्षा में शामिल हुए थे। 

दसवीं का रिजल्ट सुधारने के लिए प्रयास

अक्टूबर में आई एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में दसवीं कक्षा के पासिंग रिजल्ट के प्रतिशत में सुधार के लिए एक ठोस प्रयास कर रही है, जिसमें गणित पर ध्यान केंद्रित किया गया था। गणित में कमजोर छात्रों को स्पेशल क्लास दी गईं थी। अब इसी पहल को विस्तार दिया जा रहा है। 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लगभग 1.66 लाख छात्र पिछले साल की बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 37,073 गणित में फेल रहे। केवल 75% छात्र गणित में पास हुए थे, जबकि 95% से अधिक भाषा और सामाजिक विज्ञान में फेल हुए थे।

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