कभी हॉकी के मैदान में चलता था इस खिलाड़ी का जादू, अब राजनीति के अखाड़े में दिखाया दम

2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें हरियाणा की पिहोवा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। हॉकी के मैदान के बाद राजनीति के अखाड़े में भी संदीप ने किसी को निराश नहीं किया और 5314 वोटों से शानदार जीत दर्ज की।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 12:02 PM IST

पिहोवा. संदीप सिंह भारतीय हॉकी में एक जाना-माना नाम हैं। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में जन्में संदीप ने सालों तक भारतीय हॉकी की सेवा की है। संदीप की जीवन बहुत ही चुनौती भरा रहा है, पर उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर भारतीय टीम तक का सफर तय किया। संदीप को ट्रेन में सफर के दौरान एक बार गोली भी लगी थी। इस घटना के बाद संदीप का करियर लगभग समाप्त माना जा रहा था, पर संदीप ने इस कठिनाई पर भी पार पाया और भारतीय हॉकी में अपनी अमिट छाप छोड़ी। 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें हरियाणा की पिहोवा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। हॉकी के मैदान के बाद राजनीति के अखाड़े में भी संदीप ने किसी को निराश नहीं किया और 5314 वोटों से शानदार जीत दर्ज की। कुछ ऐसा रहा है संदीप का अब तक का सफर...

कोच से थे परेशान 
शुरुआती दिनों में संदीप अपने कोच करतार सिंह से ही इतना परेशान हो गए थे कि वे हॉकी छोड़ने वाले थे। इस समय उनके भाई बिक्रमजीत सिंह ने उनका साथ दिया और कड़ी मेहनत के दम पर संदीप सिंह धीरे-धीरे भारतीय हॉकी में उभरने लगे। साल 2004 में संदीप 'सुल्तान अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट' के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बने। पर मुसीबतें यहां भी उनका इंतजार कर रही थी। भारतीय हॉकी टीम उस टूर्नामेंट में आखिरी स्थान पर रही थी और संदीप सिंह का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं था। 2006 के आस-पास संदीप का करियर लगभग समाप्त होने के करीब पहुंच गया था। 

विश्व कप के पहले लगी थी गोली 
संदीप विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए कालका शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली आ रहे थे। यहां से उन्हें अपने साथियों के साथ जर्मनी जाना था। इस दौरान भी खराब किस्मत ने संदीप का साथ नहीं छोड़ा। दुर्भाग्यवश RPF के एक जवान की बंदूक से गोली चल गई और जाकर संदीप सिंह के कमर के निचले हिस्से में लगी। इसके बाद संदीप करीब एक साल तक हॉस्पिटल में रहे। इधर संदीप अपनी चोट से जूझ रहे थे उधर भारतीय टीम के हाल बेहाल थे। 2008 में पहली बार भारतीय टीम ओलंपिक तक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। 

2009 में की शानदार वापसी 
संदीप ने बुरे दौर से प्रेरणा ली और अपने ड्रैग फ्लिक पर काम करना शुरू किया। 2009 के अंत तक संदीप 145 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ड्रैग फ्लिक करने लगे। अपने दमदार ड्रैग फ्लिक की वजह से संदीप 'फ्लिकर सिंह' के नाम से मशहूर हो गए। अपने समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर रहे संदीप ने एक बार फिर भारत की राष्ट्रीय हॉकी टीम में वापसी की। संदीप को 2009 के 'सुल्तान अजलान शाह टूर्नामेंट' में टीम की कप्तानी भी मिली। संदीप सिंह की कप्तानी में भारत ने चौथी बार यह खिताब अपने नाम किया। 

संदीप के जीवन को लेकर साल 2018 में 'सूरमा' फिल्म भी बनी है। इसमें संदीप सिंह का किरदार मशहूर पंजाबी एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ ने निभाया है। उनके अपोजिट में तापसी पन्नू हैं। 

अब राजनीति के अखाड़े में दिखाया दम 
हॉकी के मैदान में अपना मनवाने के बाद अब संदीप सिंह ने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा के टिकट पर पिहोवा से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उनके सामने कांग्रेस के मनदीप सिंह चट्टा थे। चट्टा ने संदीप को कड़ी चुनौती देते हुए 37000 से अधिक वोट हासिल किए, पर संदीप ने यहां भी बाजी मारते हुए 42000 का आंकड़ा पार कर दिया। संदीप की इस जीत ने उनके जीवन में नई पारी का आगाज किया है, जिसकी शुरुआत तो शानदार है और संदीप सभी समर्थक आशा करेंगे कि आगे भी राजनीति में संदीप का सुहाना सफर यूं ही चलता रहे। 

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