इसके बाद भोजपुरी फिल्मों कौ दौर शुरु हो गया । हालांकि बीच में गैप आ जाने से कुछ सालों तक भोजपुरी दर्शक फिल्मों से दूर हो गए, इसके बाद साल 2003 में ससुरा बड़ा पईसावाला ( Sasura Bada Paisawala ) ने भोजपुरी इंडस्ट्री को ना केवल जिंदा किया, बल्कि शिखर पर पहुंचा दिया।