Bha Bha Ba एक्टर दिलीप की नेट वर्थ: मलयालम सिनेमा के पॉपुलर स्टार दिलीप ने फिल्मों, प्रोडक्शन, बिजनेस और रियल एस्टेट से करोड़ों की संपत्ति बनाई है। आइए जानते हैं दिलीप की नेट वर्थ और कमाई के जरियों के बारे में।
एक्टिंग करियर और स्टारडम- कहां से कमाई करते हैं दिलीप
दिलीप, जिनका असली नाम गोपालकृष्णन पद्मनाभन पिल्लई है, ने मलयालम सिनेमा में अपने लंबे और सफल एक्टिंग करियर से अपनी दौलत की नींव रखी। उन्होंने मिमिक्री आर्टिस्ट और असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर शुरुआत की थी। 1990 के दशक में अपनी नैचुरल कॉमिक टाइमिंग और आम आदमी वाले किरदारों से उन्हें खूब शोहरत मिली। 'पंजाबी हाउस', 'सल्लापम', 'ई पुषयुम कडन्नू' जैसी कई फैमिली एंटरटेनर फिल्मों ने उन्हें 'जनप्रिय नायकन' का खिताब दिलाया।
तीन दशकों में, दिलीप ने कई बॉक्स-ऑफिस हिट फिल्में दी हैं, जिससे वे हर फिल्म के लिए मोटी फीस लेते हैं। केरल और विदेशों में फैमिली ऑडियंस के बीच उनकी लोकप्रियता उन्हें आज भी एक सफल स्टार बनाती है। एक्टिंग ही उनकी करीब 300 करोड़ रुपये की नेट वर्थ का मुख्य जरिया है।
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प्रोडक्शन हाउस और बिजनेस - कमाई के कई जरिए
एक्टिंग के अलावा, दिलीप ने एक बिजनेसमैन के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई है। अपने प्रोडक्शन हाउस 'ग्रैंड प्रोडक्शंस' के जरिए उन्होंने कई सफल मलयालम फिल्मों को प्रोड्यूस किया है। अपनी फिल्मों को खुद प्रोड्यूस करने से उन्हें क्रिएटिव कंट्रोल के साथ-साथ मुनाफे में भी बड़ा हिस्सा मिलता है।
इसके अलावा, दिलीप ने कई बिजनेस में भी हाथ आजमाया है। वे पॉपुलर रेस्टोरेंट चेन 'दे पुट्टू' से जुड़े हैं, जो पारंपरिक केरल खाने के लिए मशहूर है। साथ ही, उनके होमटाउन चलाकुडी में उनका एक मल्टीप्लेक्स थिएटर भी है। इन बिजनेस से उन्हें फिल्मों के अलावा भी लगातार कमाई होती रहती है।
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रियल एस्टेट और करियर की चुनौतियां
दिलीप की दौलत का एक बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट में उनके निवेश से भी आता है। कोच्चि में उनका आलीशान घर, कमर्शियल प्रॉपर्टीज और मल्टीप्लेक्स थिएटर उनकी कीमती संपत्ति में गिने जाते हैं। रियल एस्टेट में निवेश से न केवल उनकी नेट वर्थ बढ़ती है, बल्कि समय के साथ किराया और प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ती है।
हालांकि, 2017 के विवाद के बाद उनके करियर में काफी मुश्किलें आईं, जिससे उनके प्रोजेक्ट्स में देरी हुई। इस कानूनी लड़ाई ने उनकी इमेज पर असर डाला, लेकिन उनके वफादार फैंस और फिल्मों में धीरे-धीरे वापसी ने उन्हें इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाए रखने में मदद की। आर्थिक रूप से, यह असर कुछ समय के लिए ही रहा।