सोशल मीडिया पर बुंदेलखंड़ एक्सप्रेस-वे के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टूटे हुए हाईवे की तस्वीर दिखाकर यह दावा किया जा रहा है कि यह बुंदेलखंड़ एक्सप्रेस-वे का है। Asianetnews Hindi की पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया।
फैक्ट चेक: ''बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के हालात। अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी इसी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किए हैं। नकली आदमी का नकली काम।'' फेसबुक पर इन मनोज चौधरी लंकेश का एक पोस्ट वायरल (Viral) हो रहा है। यह 26 जुलाई को अपलोड किया गया है।
वीडियो में टूटे हुए हाईवे की तस्वीर दिखाकर यह दावा किया जा रहा है कि यह बुंदेलखंड़ एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) का है। वीडियो में दिख रहा है कि बारिश की वजह से सड़क दो फाड़ हो चुकी है। Asianetnews Hindi की पड़ताल में यह दावा गलत पाया गया। पड़ताल में वीडियो बुंदेलखंड़ नहीं बल्कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का पाया गया। आइए सिललिसेवार तरीके से जानते हैं बुंदेलखंड़ एक्सप्रेस-वे के नाम पर वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) का आखिर सच क्या है...
पड़ताल का स्टेप नं 1
सबसे पहले हमने वीडियो के फुटेज को स्निपिंग टूल की मदद से कई पार्ट में क्रॉप करके अलग-अलग नाम से सेव किया। गूगल रिवर्स इमेज में वायरल वीडियो का फुटेज पेस्ट करने पर गूगल के पहले इंडेक्स पेज पर कई रिजल्ट दिखे। TOI का एक यूट्यूब लिंक हमें मिला। जिसकी हेडिंग है - Madhya Pradesh: Newly-constructed bridge between Bhopal and Hoshangabad damaged in the first rain. मतलब- मध्य प्रदेशः हाल ही में बना भोपाल और होशंगाबाद ब्रिज पहली बारिश में डैमेज। ब्रिज करोड़ों रु. की लागत से बना था। बता दें, यह वीडियो 25 जुलाई 2022 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। इससे तो यह साफ हो गया कि वायरल हो रहा वीडियो बुंदेलखंड़ नहीं, बल्कि मप्र का है।
पड़ताल का स्टेप नंबर 2
TOI के वीडियो से यह तो साफ हो गया कि डैमेज ब्रिज मप्र का है। हमने पड़ताल के दूसरे स्टेप में bridge collapse in madhya pradesh की वर्ड की मदद ली। गूगल सर्च बॉक्स में यह की वर्ड डालने पर पहले ही इंडेक्स पेज पर इंडिया टुडे की एक लिंक मिली। इस खबर की हेडिंग है - Portion of Madhya Pradesh bridge caves within a year of construction. खबर के अंदर जाने पर पता चला यह ब्रिज कलियासोत नदी पर, रायसेन जिले में बना था। 25 जुलाई को इसका एक हिस्सा डैमेज हुआ। यह भोपाल से 25 किमी दूर स्थित है। इसे बने हुए अभी एक साल हुए थे। यह पुल एनएच 46 का हिस्सा है और 45 किलोमीटर लंबी सड़क है। इसका निर्माण सीडीएस इंफ्रा ने 500 करोड़ की लागत से बनाया था।
निष्कर्षः हमारी पड़ताल में बुंदेलखंड़ के नाम पर वायरल वीडियो मप्र का है। इस वीडिया का बुंदेलखंड़ से कोई संबंध नहीं है।
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