नमक की पैकेजिंग का यह फोटो दिखाकर आपसे बोला जा रहा है झूठ, जान लें क्या है इसकी सच्चाई

Published : Oct 25, 2019, 05:32 PM ISTUpdated : Oct 25, 2019, 05:33 PM IST
नमक की पैकेजिंग का यह फोटो दिखाकर आपसे बोला जा रहा है झूठ, जान लें क्या है इसकी सच्चाई

सार

नमक की पैकेजिंग करने वाली फैक्ट्री पर छापा मारने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कैसे अनहेल्दी तरीके से नमक की पैकिंग की जाती है। लेकिन वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है।

नेशनल डेस्क. नमक की पैकेजिंग करने वाली फैक्ट्री पर छापा मारने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कैसे अनहेल्दी तरीके से नमक की पैकिंग की जाती है। लेकिन वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है।

वायरल न्यूज में क्या है?
वीडियो न्यूज में दावा किया गया है कि अनहेल्दी तरीके से नमक की पैकिंग की जा रही है। दो मिनट के वीडियो में फर्श पर बैठे कुछ लोगों को दिखाया गया है। वह नमक के पाउच में नमक भर रहे हैं। फिर उसी नमक में अपने पैरों के पास रखते हैं। वीडियो के अंत में एक पुलिस अधिकारी भी दिखाई देता है। वीडियो के साथ लिखा है, "आइए मैं आपको नमक का कारखाना दिखाता हूं। यह भारत का नंबर एक नमक ब्रांड है। यह कंपनी बच्चों को रोजगार दे रही है।" 

वायरल न्यूज की पड़ताल
वायरल न्यूज की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो से स्क्रीन शॉट लेकर उसे गूगल पर रिवर्स इमेज किया, जिसमें एक लिंक मिला। लिंक क्लिक करने पर पता चला कि वीडियो टाटा सॉल्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का नहीं है बल्कि पंजाब में एक अवैध पैकेजिंग यूनिट का है, जो टाटा सॉल्ट पैकेट में नकली नमक बेचती है। यहां पर पुलिस ने छापा मारा और उसी दौरान यह वीडियो रिकॉर्ड किया।

टाटा नमक जारी कर चुका है बयान
वायरल वीडियो को लेकर टाटा नमक ने अपने फेसबुक पेज पर 15 अक्टूबर, 2019 को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया था, "पिछले हफ्ते डेरा में नकली नमक के ऑपरेशन के खिलाफ पंजाब पुलिस के साथ-साथ टाटा साल्ट की टीम ने छापा मारा था।"

हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर भी छापी थी
हिंदुस्तान टाइम्स ने 11 अक्टूबर, 2019 को यह खबर भी छापी थी। खबर के मुताबिक पंजाब पुलिस ने एक फैक्ट्री में छापा मारा था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि छापेमारी के बाद पूछताछ के लिए बच्चों सहित आधा दर्जन कर्मचारियों के साथ मालिक को भी गिरफ्तार किया गया।  

निष्कर्ष
वायरल वीडियो टाटा कंपनी के किसी फैक्ट्री का नहीं है, बल्कि पंजाब में एक अवैध पैकेजिंग यूनिट का है, जहां छापा मारने के दौरान पुलिस ने खुद यह वीडियो बनाया।

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