पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला हुआ है। मास्क अनिवार्य कर दिए गए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर मास्क को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है।
फैक्ट चेक डेस्क. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला हुआ है। मास्क अनिवार्य कर दिए गए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में सवाल उठाया जा रहा है कि अगर मास्क काम करते हैं तो क्यों लोगों को अस्पताल और नर्सिंग होम जाना चाहिए और अगर मास्क काम नहीं करते, तो इसे अपने बच्चों पर से क्यों नहीं हटा देना चाहिए। इसका मतलब साफ है कि क्या वाकई मास्क कोरोना से बचा रहे हैं या ये सिर्फ यूं ही लगाए जा रहे हैं।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
फेसबुक पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया गया है, ‘अगर मास्क काम करता है तो लोगों को अस्पतालों और नर्सिंग होम से वापस अपनों के पास लेकर आइए। अगर वे काम नहीं करते तो उन्हें अपने बच्चों से हटाइए। कोई तो झूठ बोल रहा है…।’
पड़ताल में हमें सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल्स एंड प्रिवेंशन (CDC) की तरफ से जारी एक जानकारी मिली। इसके मुताबिक, ‘कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रोजाना के अन्य सुरक्षात्मक उपाय भी अपनाए जाने चाहिए, जिनमें मास्क पहनना, बिना धुले हाथों से चेहरे को छूने से बचना और कम से कम 20 सेकंड तक साबुन व पानी से हाथों को धोना शामिल है।’
मास्क सोशल डिस्टेंसिंग का विकल्प नहीं है। सीडीसी के मुताबिक, 6 फीट की दूरी के साथ अतिरिक्त सावधानी के लिए मास्क पहना जाना चाहिए। CDC की अनुसार, कुल निहितार्थ यह है कि मास्क संक्रमण और वायरस को फैलने से रोकने में मदद करता है, लेकिन इसके अतिरिक्त हाथों को ठीक से साफ करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी जरूरी है।
इस संबंध में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की देखभाल में जुड़े पल्मोनोलॉजिल्स डॉक्टर राजेश चावला ने बताया, ‘अगर आप दूसरी सावधानियां नहीं बरतते तो सिर्फ मास्क से बचाव नहीं हो सकता। वायरस से बचने के लिए हमें हाथों की ठीक से सफाई संग सोशल डिस्टेंसिंग को भी अपनाने की जरूरत है।’
सिर्फ मास्क लगाने से कोविड-19 से बचाव नहीं हो सकता। इसके साथ दूसरे सुरक्षात्मक उपाय, जैसे हाथों की उचित सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि को भी अपनाने की जरूरत है।