वायरल पोस्ट की पड़ताल करने पर दावे को भ्रामक पाया गया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1780 से पहले देश भर में स्वदेशी शासकों के साथ कई युद्ध लड़े।
क्या वायरल हो रहा है: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके मुताबिक, तमिलनाडु की रानी वेलू नचियार अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में जाने वाली पहली भारतीय शासक थीं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लंबे इतिहास में कई नायकों का जिक्रि है। कई बहादुर पुरुषों और महिलाओं ने दशकों तक आजादी के लिए विद्रोह किया। 18वीं सदी के ऐसे ही एक हीरो से जुड़ा एक दावा अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट का सच:
वायरल पोस्ट की पड़ताल करने पर दावे को भ्रामक पाया गया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1780 से पहले देश भर में स्वदेशी शासकों के साथ कई युद्ध लड़े। शिवगंगा पहले से ही कंपनी के साथ युद्ध में थी, जिसके कारण 1772 में वेलु के पति की शहादत हुई।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रामनाथपुरम राजवंश में जन्मीं वेलु नचियार ने शिवगंगा के दूसरे राजा मुथु वदुगनाथ थेवर से शादी से पहले मार्शल आर्ट और घुड़सवारी सीखी थी। 1772 में वेलू को अपनी बेटी के साथ भागना पड़ा। वेलु नचियार ने पद छोड़ने से पहले एक दशक तक शासन किया और 1796 में उनका निधन हो गया।
ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि वेलु का सेना में करियर सालों के निर्वासन के बाद शिवगंगा के अर्कोट के नवाब और ईस्ट इंडिया कंपनी के पतन के बाद शुरू हुआ था। वेलु नचियार के पति को उनके सिंहासन की रक्षा करते हुए 1772 में ईआईसी की सेना ने मार दिया गया था। इससे पता चलता है कि शिवगंगा पहले से ही अंग्रेजों के साथ युद्ध में थी। शेखर बंद्योपाध्याय की किताब फ्रॉम प्लासी टू पार्टिशन ए हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडिया के मुताबिक, वेलु नचियार के अभियान से एक दशक पहले पहला एंग्लो-मैसूर युद्ध छिड़ गया था।
निष्कर्ष: वायरल न्यूज की पड़ताल करने पर पता चला कि पोस्ट फेक है। तमिलनाडु की रानी वेलु नचियार साल 1780 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाली पहली भारतीय रॉयल्टी वाली कहानी भ्रामक है।