सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट वायरल हो रही है। नमाज पढ़ते सिख (Sikh Man Praying Namaz Viral Picture) की एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा है। दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में जिहादी अपना एजेंडा चला रहे हैं।
फैक्ट चेक डेस्क. Sikh Man Praying Namaz Fact Check: पिछले साल 2020 से लगातार किसान आंदोलन (Farmer Protest 2020) जारी है। किसान बिलों (Kisaan Bills) के खिलाफ दो महीने से किसान सड़कों पर बैठे हैं। किसान आंदोलन को लगभग 50 दिन पूरे हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर इसकी जमकर चर्चा है यहां हाईटेक किसान पिज्जा/बगर्र और महंगी गाड़ियों के साथ प्रोटेस्ट कर रहे हैं। हालांकि इस सब में फेक न्यूज (Fake News) की भी भरमार है।
सोशल मीडिया पर ऐसी कई भ्रामक पोस्ट वायरल हो चुकी हैं जिनके जरिए किसान आंदोलन को एक सम्प्रदाय से जोड़ा जा रहा है। अब इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट वायरल हो रही है। नमाज पढ़ते सिख (Sikh Man Praying Namaz Viral Picture) की एक तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा है। सिख के मस्जिद में नमाज में शामिल होने का दावा करके इसे जिहादी बताया जा रहा है।
दावा किया जा रहा है कि 'जिहादी' किसान आंदोलन में शामिल होकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। फैक्ट चेकिंग (Fact Checking) के जरिए हमने ये जानने की कोशिश कि आखिर किसान आंदोलन की आड़ में जिहादी एजेंडा का दावा कितना सच है?
वायरल पोस्ट क्या है (Viral Post Farmer Protest)
लेखक हरिंदर सिक्का ने इस तस्वीर को अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए लिखा, "ये आदमी 'किसान रैली' में हिस्सा लेने गया था लेकिन मस्जिद में लौटने पर पगड़ी उतारना भूल गया। लोगों का कल्याण छोड़कर इसका एजेंडा कुछ भी हो सकता है। इस तस्वीर को साझा करने में मदद करें। किसान बिल के नाम पर हमारे यहां जिहादी, कम्युनिस्ट और गद्दार हैं जो बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं।" पोस्ट में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को भी टैग किया गया है। ये ट्वीट डीलिट किया जा चुका है।
इसी दावे के साथ ये तस्वीर फेसबुक पर भी वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को "गंगाधर ही शक्तिमान है" का कैप्शन लिखकर भी ट्वीट कर रहे हैं।
फैक्ट चेक (Fact Check)
वायरल फोटो की सच्चाई जानने हमें इसके गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया तो कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि हमें फेसबुक पर कीवर्ड्स “sikh praying namaz” सर्च किया तो ये तस्वीर जनवरी 2016 के एक फ़ेसबुक पोस्ट में मिली। पोस्ट में लिखा है कि एक सिख मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहा है ये हमारा भारत है। इसे शेयर करते हुए हैशटैग प्राउड इंडियन का इस्तेमाल किया गया है।
सच्चाई क्या है (What is the truth)
साल 2016 में नमाज पढ़ते सिख (Sikh Man Praying Namaaz) की यही तस्वीर जनवरी 2016 में कोहराम नाम की न्यूज वेबसाइट ने भी प्रकाशित की थी, खबर में स्थान और व्यक्ति से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि तस्वीर किसान आंदोलन से पहले ही इंटरनेट पर मौजूद है। इसका साल 2020 के किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
ये निकला नतीजा (Conclusion)
नमाज पढ़ते सिख की जो तस्वीर किसान आंदोलन में जिहादी बताकर वायरल की जा रही है उसकी लोकेशन और मौजूदा शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। हम ये दावा नहीं कर सकते कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति कौन है? लेकिन इस बात को कहा जा सकता है कि ये तस्वीर पांच पुरानी है। इसे भ्रामक दावों के साथ किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। फेक न्यूज से सचेत रहें।