अधिक मास 18 सितंबर से, जानिए इस महीने में कौन-से शुभ काम कर सकते हैं और कौन-से नहीं?

उज्जैन. इस बार आश्विन का अधिक मास 18 सितंबर से शुरू होगा, जो 17 अक्टूबर तक रहेगा। अधिक मास मूलतः भक्ति का महीना है। हिंदू ग्रंथ धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु में अधिक मास से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। इस महीने में मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश और यज्ञोपवित आदि को छोड़ कर शेष सभी नैमित्तिक (किसी विशेष प्रयोजन के), काम्य (आवश्यक) और नित्य (रोज किए जाने वाले) कर्म किए जा सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2020 3:27 AM IST

16
अधिक मास 18 सितंबर से, जानिए इस महीने में कौन-से शुभ काम कर सकते हैं और कौन-से नहीं?

इस पूरे माह में व्रत, तीर्थ स्नान, भागवत पुराण, ग्रंथों का अध्ययन, विष्णु यज्ञ आदि किए जा सकते हैं। जो कार्य पहले शुरु किये जा चुके हैं उन्हें जारी रखा जा सकता है।
 

26

संतान जन्म के कृत्य जैसे गर्भाधान, पुंसवन, सीमंत आदि संस्कार किये जा सकते हैं।
 

36

अगर किसी मांगलिक कार्य की शुरुआत हो चुकी है तो उसे किया जा सकता है। विवाह नहीं हो सकता है लेकिन रिश्ते देख सकते हैं, विवाह संबंध तय कर सकते हैं।
 

46

गृह प्रवेश नहीं कर सकते हैं लेकिन नया मकान अगर लेना चाहें तो उसकी बुकिंग की जा सकती है, प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है।
 

56

अगर कोई बड़ा सौदा करना हो तो टोकन देकर उसे किया जा सकता है। फाइनल डील कोई मुहूर्त देखकर की जा सकती है।
 

66

अधिक मास क्या नहीं करना चाहिए?
इस माह में कोई प्राण-प्रतिष्ठा, स्थापना, विवाह, मुंडन, नववधू गृहप्रवेश, यज्ञोपवित, नामकरण, अष्टका श्राद्ध जैसे संस्कार व कर्म करने की मनाही है।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos