चाणक्य नीति: राजा और वेश्या सहित ये 5 कभी दूसरे के दुखों को समझ नहीं पाते

उज्जैन. चाणक्य नीति से हमें जीवन में अनेक ऐसे सूत्र मिलते हैं, जो हमें सही-गलत और उचित-अनुचित के बारे में बताते हैं। कई सौ सालों पहले लिखे गए ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक है। आचार्य चाणक्य ने अपने एक सूत्र में बताया है कि वो कौन 5 लोग हैं जो कभी दूसरे के दुख को समझ नहीं पाते…

Asianet News Hindi | Published : Dec 22, 2020 3:42 AM IST
15
चाणक्य नीति: राजा और वेश्या सहित ये 5 कभी दूसरे के दुखों को समझ नहीं पाते

1. राजा
राजा कभी दूसरे को दुख को नहीं समझ पाता क्योंकि उसे तो आम लोगों के दुखों के बारे में पता हीं नही होता। वह तो बचपन से भोग-विलास में पला-बढ़ा होता है। आम लोगों को किस तरह के दुखों का सामना अपने जीवन में करना पड़ता है, राजा उससे अनभिज्ञ रहता है।
 

25

2. वेश्या
वेश्या का काम है अपने यौवन और सुंदरता से लोगों को रिझाना और धन कमाना। उसके इस काम के कारण कई लोगों के घर बर्बाद हो जाते हैं, लेकिन उसे इस बात से कोई मतलब नहीं होता।
 

35

3. चोर
चोर दूसरे के धन को लूटकर खुश होता है, लेकिन जिस व्यक्ति की सालों की जमा पूंजी रातोंरात चोरी चली जाए, उसके दुख को वो नहीं समझ पाता।
 

45

4. बालक
छोटे बच्चे जीवन के दुखों के बारे में नहीं जानते, उनका मन तो बस खेलने और पढ़ने में लगा रहता है। किसी दूसरे को होने वाली तकलीफ उनके लिए कोई माएने नहीं रखती।
 

55

5. भिक्षु
भिखारी को दुनिया के दुखों से कोई मतलब नहीं होता। उसे तो सिर्फ भिक्षा मांगकर अपना पेट भरना है। इसलिए कहा गया है कि भिक्षु को दूसरे के दुखों का अहसास नहीं होता।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos