गणेश-अंबिका पूजन
हाथ में फूल व चावल लेकर भगवान गणेश का ध्यान करें-
ऊं गं गणपतये नम: आह्वानार्र्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
अब भगवान गणपति को एक फूल पर रोली एवं चावल लगाकर समर्पित कर दें।
ऊं अम्बिकायै नम: आह्वानार्र्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि सर्मपयामि।।
मां अंबिका का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजा के लिए गंध, चावल एवं फूल चढ़ाएं।
ऊं नृसिंहाय नम: आह्वानार्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
भगवान नृसिंह का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजा के लिए गंध, चावल व फूल चढ़ाएं।
ऊं प्रह्लादाय नम: आह्वानार्थे पंचोपचार गंधाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि।।
प्रह्लाद का स्मरण करते हुए नमस्कार करें और गंध, चावल व फूल चढ़ाएं।
अब नीचे लिखा मंत्र बोलते हुए होली के सामने दोनों हाथ जोड़कर खड़े हो जाएं तथा अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए निवेदन करें-
असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै: अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव:।।
अब गंध, चावल, फूल, साबूत मूंग, साबूत हल्दी, नारियल एवं बड़कुले (भरभोलिए) होली के समीप छोड़ें। कच्चा सूत उस पर बांधें और फिर हाथ जोड़ते हुए होली की तीन, पांच या सात परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद लोटे में भरा पानी वहीं चढ़ा दें।