उज्जैन. 2020 का दसवां महीना अक्टूबर शुरू हो गया है। ये महीना हिन्दी पंचांग के हिसाब से बहुत खास रहेगा। 16 अक्टूबर को अधिक मास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद नवरात्रि, दशहरा और शरद पूर्णिमा जैसे पर्व मनाए जाएंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए अक्टूबर के खास तीज-त्योहार और उन दिनों में किए जाने वाले शुभ काम...
5 अक्टूबर, सोमवार को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। इस दिन गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें।
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13 अक्टूबर, मंगलवार को अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे कमला एकादशी कहते हैं। इस तिथि भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है। पूजा-पाठ के बाद दान-पुण्य करना चाहिए।
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16 अक्टूबर, शुक्रवार को अधिक मास की अमावस्या है। इस दिन अधिक मास खत्म होगा। अमावस्या पर नदी में स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए।
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17 तारीख, शनिवार को आश्विन मास की नवरात्रि शुरू हो रही है। इस दिन घट स्थापना होगी। शनिवार को ही तुला संक्रांति भी है। सूर्य कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा। देवी दुर्गा के साथ ही सूर्य के लिए भी विशेष पूजन करें।
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20 अक्टूबर, मंगलवार को अंगारक विनायकी चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत करें और भगवान को मोदक का भोग लगाएं।
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24 अक्टूबर, शनिवार को दुर्गाष्टमी है। इसे महाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन देवी दुर्गा की विशेष पूजा करें, व्रत रखें।
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25 अक्टूबर, रविवार को दुर्गा नवमी है। इस दिन छोटी कन्याओं को भोजन कराने की परंपरा है। कन्याओं को धन का दान दें। शिक्षा से संबंधित चीजें भेंट करें।
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26 अक्टूबर, सोमवार को दशहरा है। श्रीराम के साथ ही शमी के वृक्ष की भी पूजा इस दिन की जाती है।
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27 अक्टूबर, मंगलवार को पापांकुशा एकादशी है। ये व्रत सभी पापों का प्रभाव खत्म करने वाला माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत करें।
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30 अक्टूबर, शुक्रवार को शरद पूर्णिमा है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रास रचाया था। ये श्रीकृष्ण की भक्ति का दिन है। इस दिन महालक्ष्मी का पूजन भी करें।
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31 तारीख, शनिवार से कार्तिक मास शुरू हो जाएगा। पंचांग भेद से इस दिन पूर्णिमा है।