इन चीजों के अलावा भी छठ पर्व में कई अन्य सामग्रियां सूर्यदेव को अर्पित की जाती हैं। ये सभी औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। ये हैं वो चीजें...
1. चतुर्थी को लौकी और भात का सेवन करना शरीर को व्रत के अनुकूल तैयार करने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
2. पंचमी को निर्जला व्रत के बाद गन्ने के रस व गुड़ से बनी खीर पर्याप्त ग्लूकोज की मात्रा सृजित करती है।
3. छठ में बनाए जाने वाले अधिकतर प्रसाद में कैल्शियम की भारी मात्रा मौजूद होती है।
4. भूखे रहने के दौरान अथवा उपवास की स्थिति में मानव शरीर नैचुरल कैल्शियम का ज्यादा उपभोग करता है।
5. प्रकृति में सबसे ज्यादा विटामिन-डी सूर्योदय और सूर्यास्त के समय होता है। अर्घ्य का समय भी यही है।
6. अदरक व गुड़ खाकर पर्व समाप्त किया जाता है। साइंस के अनुसार उपवास के बाद भारी भोजन हानिकारक है।
7. कार्तिक माह में प्रजनन शक्ति बढ़ती है और गर्भवती माताओं को विटामिन-डी नितांत आवश्यक है।