गहन जंगल में किया ऋष्यश्रृंग का पालन-पोषण
ऋष्यश्रृंग पर स्त्रियों का साया न पड़े, इसके लिए ऋषि विभाण्डक ने गहन जंगल में उनका पालन-पोषण किया। ऋष्यश्रृंग भी अपने पिता की तरह महातपस्वी निकले। वे भी दिन-रात तपस्या में लीन रहते थे। उन्होंने अपनी जवानी तक किसी भी स्त्री को नहीं देखा, उन्हें लगता था कि संसार में सिर्फ पुरुष ही पुरुष हैं। स्त्री क्या होती है, वह कैसी दिखाई देती है, इसके बारे में ऋष्यश्रृंग को कुछ भी पता नहीं था।