उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे। शुक्राचार्य भगवान शिव के उपासक भी थे। शिवजी ने उन्होंने संजीवनी विद्या प्राप्त की थी। कुछ ग्रंथों में उन्हें शिवजी का पुत्र भी माना गया है। उनकी बनाई गई नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक है। शुक्राचार्य की नीति के अनुसार, पुरुष को अपनी पत्नी, पैसा और पुस्तकें कभी दूसरे व्यक्ति के हवाले नहीं करना चाहिए। जानिए इस नीति से जुड़ा लाइफ मैनेजमेंट…