देवी सरस्वती से स्टूडेंट्स को सीखना चाहिए लाइफ मैनेजमेंट के ये 4 सूत्र, सफलता जरूर मिलेगी

Published : Feb 16, 2021, 12:01 PM ISTUpdated : Feb 16, 2021, 12:04 PM IST

उज्जैन. इस बार 16 फरवरी, मंगलवार को वसंत पंचमी है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। हम सभी ने स्कूल, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में देवी सरस्वती का चित्र जरूर देखा होगा। ये चित्र इसलिए लगाया जाता है, ताकि विद्यार्थी उन चित्रों में छिपे मैनेजमेंट टिप्स समझ सकें और अपने भविष्य को बेहतर बना सकें। आज हम आपको देवी सरस्वती के इसी चित्र में छिपे लाइफ मैनजमेंट सूत्रों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…

PREV
14
देवी सरस्वती से स्टूडेंट्स को सीखना चाहिए लाइफ मैनेजमेंट के ये 4 सूत्र, सफलता जरूर मिलेगी

1. ललित कलाओं से भी जुड़े रहें विद्यार्थी
मां सरस्वती के चित्र में एक हाथ में माला यह बताती है कि हमें हमेशा चिंतन में रहना चाहिए, जो ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, उसका लगातार मनन करते रहें, इससे आपकी मेधा बढ़ेगी। दो हाथों से वीणा का वादन, यह संकेत करता है कि विद्यार्थी जीवन में ही संगीत जैसी ललित कलाओं प्रति भी हमारी रुचि होनी चाहिए। संगीत हमारी याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक होता है।
 

24

2. अध्ययन के लिए एकांत जरूरी
चित्र में देवी सरस्वती नदी किनारे एकांत में बैठी दिखाई देती हैं, यह संकेत है कि विद्यार्जन के लिए एकांत भी आवश्यक है। विद्यार्थी को थोड़ा समय एकांत में भी बिताना चाहिए। सरस्वती के पीछे सूरज भी उगता दिखाई देता है, यह बताता है कि पढ़ाई के लिए सुबह का समय ही श्रेष्ठ है।
 

34

3. पुस्तकों से दूर न रहें और ज्ञान हमेशा सकारात्मक हो
देवी सरस्वती के हाथ में पुस्तक, संदेश देती है कि विद्यार्थी कभी पुस्तकों से अलग न हों, भौतिक रूप से भले ही कभी किताबों से दूर रहें, लेकिन मानसिक रूप से हमेशा किताबों के साथ रहें। मां सरस्वती हमेशा सफेद वस्त्रों में होती हैं। इसके दो संकेत हैं पहला हम जो भी ज्ञान अर्जित करें वह सकारात्मक हो। दूसरा यह कि विद्यार्थी जीवन में कोई दुर्गुण हमारे चरित्र में न हो। वह एकदम साफ हो।
 

44

4. हंस की तरह हो हमारा व्यवहार
देवी का वाहन हंस यही संदेश देता है कि मां सरस्वती की कृपा उसे ही प्राप्त होती है जो हंस के समान विवेक धारण करने वाला है। केवल हंस में ही वह विवेक होता है कि वह दूध और पानी को अलग-अलग कर सकता है। सभी जानते हैं कि हंस दूध ग्रहण और पानी छोड़ देता है। इसी तरह हमें भी बुरी सोच को छोड़कर अच्छाई को ग्रहण करना चाहिए।
 

Recommended Stories