उज्जैन. इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 22 जून, सोमवार से 29 जून तक रहेगी। इस नवरात्रि में वामाचार (तंत्र) पद्धति से उपासना की जाती है। इसमें प्रलय एवं संहार के देवता महाकाल एवं महाकाली की पूजा की जाती है। साथ ही उनके गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना भी की जाती है।
यह साधनाएं बहुत ही गुप्त स्थान पर या किसी सिद्ध श्मशान में की जाती हैं। तंत्र क्रियाओं के लिए भारत में 4 श्मशान बहुत विशेष माने गए हैं। पहला हैं तारापीठ का श्मशान (पश्चिम बंगाल), दूसरा कामाख्या पीठ (असम) का श्मशान, तीसरा त्रयंबकेश्वर (नासिक) और चौथा उज्जैन स्थित चक्रतीर्थ श्मशान। गुप्त नवरात्र में साधक दूर-दूर से यहां साधनाएं करने आते हैं।