3. लक्ष्मण बाण (कर्नाटक)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीताहरण के बाद श्रीराम व लक्ष्मण माल्यवान पर्वत पर रुके थे। यहां के मंदिर में राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां हैं। मंदिर के पिछले भाग में ही लक्ष्मण कुंड है, जो यहां का मुख्य स्थान है। इसे लक्ष्मणजी ने बाण मारकर प्रकट किया था। ऐसा भी माना जाता है कि यहां श्रीराम ने अपने पिता का श्राद्ध किया था।