मकर संक्रांति पर विशेष रूप से क्यों खाए जाते हैं तिल-गुड़ से बने व्यंजन?

उज्जैन. हिंदू धर्म में अनेक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इनमें से कुछ परंपराओं के पीछे धार्मिक तो कुछ के पीछे वैज्ञानिक तथ्य जुड़े होते हैं। आज हम मकर संक्रांति से जुड़ी एक ऐसी ही परंपरा के बारे में आपको बता रहे हैं ।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2021 4:11 AM IST

18
मकर संक्रांति पर विशेष रूप से क्यों खाए जाते हैं तिल-गुड़ से बने व्यंजन?

मकर संक्रांति पर विशेष रूप से तिल-गुड़ के पकवान खाने की परंपरा है। कहीं तिल-गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं तो कहीं चक्की बनाई जाती है।

28

 तिल-गुड़ की गजक भी लोगों को खूब भाती है। मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करने के पीछे वैज्ञानिक आधार भी है।

38

सर्दी के मौसम में जब शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है, तब तिल-गुड़ के व्यंजन यह काम बखूबी करते हैं।

48

तिल में तेल की प्रचुरता रहती है और गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं।

58

इस समय ठंड के कारण पाचन शक्ति भी मंद हो जाती है। तिल में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन शक्ति को बढ़ाता है।

68

तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्‍प्‍लेक्‍स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाये जाते हैं, जो इस मौसम में शरीर के लिए जरूरी होते हैं।

78

गुड़ मैग्नीशियम का एक बेहीतरीन स्रोत है। ठंड में शरीर को इस तत्व की बहुत आ‌श्यकता होती है।

88

यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos