खेसारी सिर्फ मैट्रिक पास ही थे, लेकिन उन्होंने बचपन से ही फौलादी जिगर पाया था। बावजूद इसके जब वह पुराने दिनों को याद करते हैं तो दहाड़ मारकर रो पड़ते हैं। खेसारी बताते हैं कि किस तरह उन सात भाइयों ने अपने कपड़े भी हर बार एक ही तरह के सिलाए ताकि जब भी जरूरत हो कोई भी पहनकर कहीं फंक्शन या समारोह में जा सके।