कंगना की बहन पर फेंका गया था 1 लीटर तेजाब, बताया- कैसे योग की मदद से लौटी रंगोली के आंख की रोशनी

मुंबई। विश्व योग दिवस (World Yoga Day) पर कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने अपनी बहन रंगोली चंदेल पर 21 साल की उम्र में हुए एसिड अटैक की कहानी शेयर की है। कंगना के मुताबिक, इस घटना से रंगोली इतना डर गई थीं कि उन्होंने लोगों से बात करना तक बंद कर दिया था। कंगना ने यह भी कहा कि रोंगटे खड़े कर देने वाले इस हादसे से उबरने में योग ने रंगोली की बहुत मदद की थी। बता दें कि इससे पहले कंगना ने कहा था कि योग की वजह से ही उनकी मां की ओपन हार्ट सर्जरी भी नहीं करनी पड़ी थी। एसिड अटैक से आधा चेहरा, बायां कान, आंख और ब्रेस्ट तक झुलस गए थे..

Asianet News Hindi | Published : Jun 21, 2021 8:14 AM IST

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कंगना की बहन पर फेंका गया था 1 लीटर तेजाब, बताया- कैसे योग की मदद से लौटी रंगोली के आंख की रोशनी

कंगना ने योग दिवस पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- जब रंगोली 21 साल की थी तो एक मनचले ने उस पर एसिड फेंक दिया था। इससे रंगोली का आधा चेहरा झुलस गया, एक आंख की रोशनी चली गई, बायां कान जख्मी हो गया  गया और एक ब्रेस्ट गंभीर रूप से डैमेज हो गया था। 2-3 साल में उसे 53 सर्जरी से गुजरना पड़ा। लेकिन बावजूद इसके सबकुछ पहले जैसा नहीं हुआ। रंगोली पर करीब एक लीटर तेजाब फेंका गया था।  
 

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कंगना ने आगे कहा- मेरी सबसे ज्यादा फिक्रमंद उसकी मेंटल हेल्थ को लेकर थी, क्योंकि उसने बात करना बंद कर दी थी। वो एक शब्द नहीं बोलती थी। बस चीजों को घूरती रहती थी। उसकी एक वायुसेना के ऑफिसर से सगाई हो गई और जब उसने (अधिकारी) एसिड अटैक के बाद उसका चेहरा देखा तो उसे छोड़कर चला गया और वापस नहीं आया। 
 

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कंगना के मुताबिक, तब भी मेरी बहन रंगोली ने आंसू नहीं बहाए और ना ही एक शब्द किसी से कहा। इस पर डॉक्टर ने मुझसे कहा कि वो गहरे सदमे में है। उन्होंने उसे थैरेपी दीं और साइकोलॉजिकल सपोर्ट के लिए मेडिटेशन भी कराया। हालांकि इससे कुछ खास आराम नहीं मिला। 
 

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कंगना ने आगे कहा- उस वक्त मैं 19 साल की थी। मैं अपने टीचर सूर्यनारायण के साथ योग करती थी। हालांकि मुझे नहीं पता था कि योग की मदद से जलने, मनोवैज्ञानिक आघात और रेटिना ट्रांसप्लांट के बाद आंखों की रोशनी लौटाने में भी मदद करता है। 

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कंगना के मुताबिक, मैं चाहती थी कि वो मुझसे बात करे। इसलिए मैं उसे हर जगह अपने साथ ले जाती थी। यहां तक कि योग की क्लास में भी। इसके बाद उसने भी योग करना शुरू कर दिया और मैनें देखा कि उसके भीतर तेजी से बदलाव आया। अब न सिर्फ वो अपने दर्द और मेरे जोक्स का जवाब देने लगी, बल्कि उसकी एक आंख की खोई रोशनी भी लौट आई। योग आपके हर सवाल का जवाब है। क्या आपने अभी तक इसे मौका दिया?

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बता दें कि इससे पहले भी कंगना ने रंगोली की दर्दनाक दास्तां शेयर की थी। रंगोली ने कहा था- कभी-कभी इतनी खराब लगता कि मन करता था कि इससे बेहतर तो मैं मर जाती। हैरानी होती है कि हमारे देश में एसिड अटैक का शिकार होने वाले लोगों की तादाद काफी ज्यादा है। ये अपराध करने वाले चंद दिनों में ही जमानत पर बाहर आ जाते हैं। एसिड अटैक करने वालों को खुलेआम घूमते देखना भी काफी दर्दनाक होता है।

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रंगोली ने कहा था- ऐसे अपराधियों के लिए मौत की सजा क्यों नहीं है? मैं यूनिवर्सिटी टॉपर थी, लेकिन मेरी जवानी के सबसे अच्छे साल ऑपरेशन थिएटर में बीते। इतना ही नहीं, मैं 90 फीसदी जल चुकी थी, लेकिन आज तक एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए कोई रिजर्वेशन नहीं है।

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बता दें कि योग दिवस से एक दिन पहले कंगना ने अपनी मां की बीमारी के बारे में बात की थी। उन्होंने अपने परिवार के साथ योग करते हुए फोटो शेयर की और लिखा- हर कोई जानता है कि मैंने कब और कैसे योग शुरू किया लेकिन ये शायद ही कोई जानता होगा कि मैंने अपने पूरे परिवार को कैसे योग सिखाया। 

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कंगना के मुताबिक, कुछ साल पहले मां को डायबिटीज, थायराइड और हाई लेवल कोलेस्ट्रॉल (600) था। डॉक्टर ने कहा था कि हमें उनकी ओपन हार्ट सर्जरी करनी पड़ेगी क्योंकि उन्हें ब्लॉकेज हो सकता है। मैंने मां से कहा- मुझे आप 2 महीने दे दीजिए। क्योंकि मैं उन्हें आपका दिल खोलने नहीं दे सकती। उन्होंने मुझ पर यकीन किया और मैं अपनी कोशिशों में कामयाब हुई। आज उन्हें कोई बीमारी नहीं है। वे परिवार में सबसे स्वस्थ हैं। 

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