एक्टर ने चांद की इस प्रपॉर्टी को 25 जून, 2018 को अपने नाम करवाई थी। हालांकि, इसमें भी कई अंतर्राष्ट्रीय संधि हैं, जिनके मुताबिक इसे कानूनी तौर पर मालिकाना हक नहीं माना जा सकता है, क्योंकि पृथ्वी से बाहर की दुनिया पूरी मानव जाति की धरोहर है और इस पर किसी एक देश का कब्जा नहीं हो सकता।