रतन टाटा की शादी के वक्त छिड़ गया था भारत और चीन के बीच युद्ध, अमेरिका में ही छूट गई गर्लफ्रेंड
नई दिल्ली. टाटा कंपनी के मालिक और दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। वे टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं। रतन टाटा की स्कूल शिक्षा मुंबई में हुई। रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया। रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह के साथ अपना करियर शुरू किया और सफलता कि बुलंदियों को छूते गए। रतन टाटा अब 82 साल के हो गए हैं पर आज भी उनकी शादी को लेकर सवाल उठते रहते हैं।
Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2019 8:38 AM IST / Updated: Dec 28 2019, 02:39 PM IST
रतन टाटा 1991 में जेआरडी टाटा के बाद समूह के पांचवें अध्यक्ष बने। रतन टाटा को 2000 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया है। रतन टाटा दो बार अपनी प्रेम कहानी को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं।
वैसे वो कभी अपनी शादी को लेकर बात नहीं करना चाहते लेकिन एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी अमेरिकी गर्लफ्रेंड के बारे में खुलकर बताया था। कहानी खुली तो पता चला कि भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई थी।
CNN इंटरनेशनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि अमेरिका में पढ़ाई के दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ था। दोनों का रिश्ता रोमांटिक था और एक-दूसरे को चाहते थे और दोनों शादी के लिए तैयार भी थे, लेकिन उनकी गर्लफ्रेंड भारत नहीं आना चाहती थी।
उसी दौरान भारत और चीन के बीच जंग छिड़ गई थी. उस समय के हालात देखकर रतन की प्रेमिका बहुत डर गई थीं। उधर भारत में रतन की दादी की तबीयत काफी खराब हो गई थी, जिसकी वजह से उन्हें भारत लौटना पड़ा।
रतन भारत आ गए, लेकिन उनकी प्रेमिका नहीं आईं, कुछ दिनों बाद उन्होंने अमेरिका में ही किसी और से शादी कर ली। उस इंटरव्यू में रतन ने कबूल किया था कि चार बार उनकी शादी बस होते-होते रह गई।
इतना ही नहीं इसके बाद भी उन्होंने तीन बार शादी की पूरी तैयारी की लेकिन किसी न किसी डर की वजह से पीछ हट गए। टाटा कहते हैं कि अच्छा ही हुआ कि वह लाइफटाइम सिंगल हैं वरना बिजनेस और घर परिवार एक साथ नहीं संभाल पाते।
रतन टाटा की बात करें तो उनका बचपन मां-बाप के बगैर गुजरा है। दरअसल वह 7 साल के थे जब उनके मां-बाप एक-दूसरे अलग हो गए तब उनकी दादी ने ही उन्हें पाला-पोसा था। शौक की बात करें तो टाटा को कारों का शौक हैं, वह पियोनो भी बजाते हैं। अपने प्लेन उड़ाने के शौक को भी वे पूरा करते हैं।
रतन टाटा ने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण किया। रतन टाटा ने नैनो जैसी लखटकिया कार बनाकर आम आदमी का कार का सपना साकार किया। वे इंडिका जैसी कार भी बाजार में लाए।