अग्निपरीक्षा जैसी UPSC को कैसे करें पहली बार में पार, इस IAS टॉपर के पढ़ाकू नहीं रोचक टिप्स आएंगे बहुत काम

करियर डेस्क. IAS Success Story UPSC Topper Vishakha Yadav: दोस्तों यूपीएससी सुनते ही आपके दिमाग में IAS-IPS, IRAS अफसरों की छवि उभरती होगी। इस परीक्षा को पास करने कैंडिडेट्स दिन रात मेहनत करते हैं। बहुत से कैंडिडेट्स यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) पास करने अपनी अलग स्ट्रेटजी बनाते हैं। ऐसे ही दिल्ली की विशाखा यादव ने सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में करियर बनाने के अपने सपने को कड़ी मेहनत से साकार किया। विशाखा ने इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करने के बाद दो साल एक हाईपेड कॉरपोरेट जॉब भी की, उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन बनाया और निकल पड़ीं मंजिल को पाने। एक इंटरव्यू में विशाखा कहती हैं कि वे हमेशा से आईएएस ही बनना चाहती थीं, ये उनका चाइल्डहुड ड्रीम था लेकिन इस ड्रीम के लिए कदम बढ़ाने में उन्हें समय लग गया। कई बार चीजें साफ होती हैं फिर भी तैयारी नहीं शुरू हो पाती। विशाखा के पिताजी और माताजी भी यही चाहते थे कि वे इस क्षेत्र में जाएं। एक प्रकार से ये उनके पूरे परिवार का ही सपना था। तो चलिए जानते हैं कि कैसे तय किया विशाखा ने ये सफर। साथ ही विशाखा ने यूपीएससी कैंडिडेट्स के लिए कीमती टिप्स भी साझा किए- 

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2020 7:36 AM IST / Updated: Oct 14 2020, 01:07 PM IST

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अग्निपरीक्षा जैसी UPSC को कैसे करें पहली बार में पार, इस IAS टॉपर के पढ़ाकू नहीं रोचक टिप्स आएंगे बहुत काम

हमेशा से थीं एक ब्राइट स्टूडेंट

 

विशाखा पढ़ने में हमेशा से अच्छी थीं और उनकी पूरी स्कूलिंग दिल्ली से ही हुई। उन्होंने क्लास दसवीं और बारहवीं दोनों में डिस्टिंक्शन पाई थी। इसके बाद दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और वहीं से प्लेसमेंट के जरिए सेलेक्ट हो गईं।

 

एक अच्छी कंपनी में दो साल काम करने के बाद विशाखा को लगा कि ये उनकी मंजिल नहीं है और उन्हें उनका बचपन का सपना ही पूरा करना है। इस विचार के साथ विशाखा ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

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हिम्मत नहीं हारी

 

पहले दो प्रयासों में विशाखा का चयन नहीं हुआ और वे एग्जाम की पहली हर्डल यानी प्री परीक्षा ही पास नहीं कर पाईं। पहली बार तीन नंबर से उनका सेलेक्शन रुका और दूसरी बार 1.5 मार्क्स से। विशाखा ने हिम्मत नहीं हारी और लगी रहीं। नतीजा ये हुआ की तीसरे अटेम्पट में न केवल उनका सेलेक्शन हुआ बल्कि उन्होंने 6वीं रैंक के साथ टॉप टेन की सूची में जगह बनाई। (Demo pic)

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क्या थी पिछले अटेम्पट्स की गलतियां

 

विशाखा साक्षात्कार में आगे बताती हैं कि उन्होंने पिछले दो अटेम्पट्स में जो गलतियां की उनमें मुख्य थीं, रिसोर्स ज्यादा रखने की वजह से ठीक से रिवीजन न कर पाना साथ ही कम टेस्ट सीरीज ज्वॉइन करना। वे कहती हैं कि उन्होंने परीक्षा के पहले बहुत कम मॉक टेस्ट दिए थे, जिसका नतीजा ये हुआ कि उनकी प्रैक्टिस जितनी होनी चाहिए थी नहीं हो पाई।

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वे आगे बताती हैं कि किसी भी कैंडिडेट को प्री परीक्षा के लिए तैयारी करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जितना आता है, पहले वो हल कर लें। उसके बाद उन प्रश्नों पर आएं जिनमें थोड़ा दिमाग और समय लगाकर पता कर सकते हैं कि सही आंसर क्या है और तीसरे वो प्रश्न जो आपको बिलकुल नहीं आते, इन्हें छोड़ दें। इन पर समय बर्बाद करने से कोई फायदा नहीं।

 

यहां विशाखा एक जरूरी सलाह ये भी देती हैं कि प्री परीक्षा के पहले खूब सारे मॉक टेस्ट देकर ये देख लें कि कितने प्रश्न अटेम्पट करने पर आपके क्वालीफाइंग मार्क्स आते हैं। एक बार पैटर्न पता चल जाए तो उसी हिसाब से आंसर दें। कम से कम परीक्षा में इतने प्रश्न करें ताकि आपका कट-ऑफ निकल जाए. इसे जानने के लिए खूब टेस्ट दें।

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रोज करनी होगी पढ़ाई

 

यूपीएससी के दूसरे कैंडिडेट्स को विशाखा सलाह देते हुए कहती हैं कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए कंसिसटेंसी की बहुत जरूरत है। 6 से 8 घंटे आपको रोज पढ़ना होगा। ऐसे काम नहीं चलेगा कि एक दिन पढ़ लिए और फिर दो दिन नहीं पढ़ा।

 

इसके अलावा अपने रिर्सोसेस को लिमिटेड रखें वरना केवल कंफ्यूजन बढ़ेगा और कुछ नहीं। इसके साथ ही आप एंड में रिवाइज भी नहीं कर पाएंगे। बेहतर होगा उतनी ही किताबें इकट्ठी करें जितनी पढ़ पाएं।

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जमकर आंसर प्रैक्टिस करें

 

जब तैयारी पूरी हो जाए तो जमकर आंसर प्रैक्टिस करें। विशाखा कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए आंसर प्रैक्टिस बहुत जरूरी है। लिखकर देखने से एक तो तैयारी पक्की हो जाती है, दूसरा अपनी गलतियां भी सामने आ जाती हैं. इसलिए खूब मॉक टेस्ट दें और कमियों को दूर करते चलें।
 

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प्रयास करें सफल जरूर होंगे

 

अंत में विशाखा यही कहती हैं कि यूपीएससी की जर्नी आमतौर पर लंबी होती है इसलिए इस सफर में हिम्मत न हारें। अगर पहली बार में सफलता नहीं मिली तो दूसरी में मिलेगी नहीं तो तीसरी में लेकिन कड़ी मेहनत का फल जरूर मिलता है, ये बेकार नहीं जाती। इसलिए हौसला बनाएं रखें और जमकर प्रयास करें आज नहीं तो कल सफल जरूर होंगे।

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