न सिर्फ अपराधियों बल्कि नेताओं तक से सीधी टक्कर लेती है ये लेडी सिंघम, 1 बार तो CM को अरेस्ट करने निकल पड़ी

करियर डेस्क. IPS D Roopa Story: निर्भय, साहसी और लेडी सिंघम कही जाने वाली IPS अधिकारी डी रूपा इस समय काफी चर्चा में हैं। हर 6 महीने पर ट्रांसफर झेलने वाली ये अफसर सत्ता में बैठे नेतागणों को फूटी आंख नहीं सुहाती हैं। उनके काम करने का अंदाज जुदा है। डी रूपा दिवाकर मौदगिल (D. Roopa) कर्नाटक कैडर के 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। रूपा को हाल ही में राज्य के गृह विभाग से हैंडलूप एम्पोरियम में ट्रांसफर किया गया है। डी. रूपा पर ये कार्रवाई इसलिए हुई है क्योंकि उन्होंने एक बड़े अफसर के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। ये पहली बार नहीं है जब वो अपने खिलाफ कार्रवाई झेल रही हैं बल्कि 20 साल में 40 बार उनका ट्रांसफर हो चुका है। इस अफसर के खतरनाक कारनामे आपको हैरान कर देंगे- 

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2021 12:08 PM IST / Updated: Mar 01 2021, 03:07 PM IST

112
न सिर्फ अपराधियों बल्कि नेताओं तक से सीधी टक्कर लेती है ये लेडी सिंघम, 1 बार तो CM को अरेस्ट करने निकल पड़ी

रूपा राज्य की पहली महिला होम सेक्रेटरी का खिताब रखती हैं। तमाम राज्यों में कार्यरत रहते उन्होंने कड़े कदम उठाए हैं जिसके कारण उनको खूब लाइम-लाइट मिली। एक सीएम को गिरफ्तार करने वाली ये पहली महिला अफसर हैं। 

212

बेंगलुरु सेफ सिटी प्रॉजेक्ट को लेकर हुआ विवाद

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल में बेंगलुरु के सेफ सिटी प्रॉजेक्ट का काम देख रही डी. रूपा ने एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर पर इस योजना में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। सीनियर आईपीएस हेमंत निंबालकर पर टेंडर प्रोसेस में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली डी. रूपा को अब एक और बार ट्रांसफर ऑर्डर मिल चुका है। रूपा अब राज्य के हैंडलूम एम्पोरियम का कामकाज देखेंगी।

312

रूपा एक साधारण परिवार में जन्मी हैं। उनके पिता जे एस दिवाकर एक दूरसंचार विभाग में इंजीनियर थे और माता हेमावती डाक विभाग में काम करती थीं। फिलहाल उनके माता-पिता दोनों सेवानिवृत्त केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं। पिता ने सपना देखा कि मेरी ये बच्ची कुछ बड़ा करके हमारा नाम रोशन करेगी। बचपन से ही बेटी को पढ़-लिखकर देश की सेवा करने के शिक्षा और संस्कार दिए। पिता ने मात्र 8 साल की उम्र से ही बेटी को सिखाना शुरू कर दिया कि उसे एक दिन पुलिस में जाकर देश और समाज की सेवा करनी है। पर इस तेज-तर्रार लेडी दबंग के लिए संघर्ष और चुनौतियां भी कम नहीं रहीं। 

412

डी रूपा ने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 43वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने आईएएस छोड़ आईपीएस के पद को चुना था। रूपा अपने 20 साल के करियर में करीब 40 बार ट्रांसफर झेल चुकी हैं। रूपा का कहना है कि वो आसानी से आईएएस बन सकती थीं, लेकिन पुलिस सर्विसेज के शौक के कारण उन्होंने आईपीएस चुना। पुलिस सर्विसेज के अलावा रूपा एक बेहतरीन ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर हैं। इसके साथ ही इन्होंने भारतीय संगीत की ट्रेनिंग भी ली है। रूपा ने बयालाताड़ा भीमअन्ना नामक कन्नड फिल्म में एक प्लेबैक सिंगर के रूप में गीत भी गाया है। 

512

रूपा एक बेहतरीन शार्प शूटर रही हैं तथा शूटिंग में कई पुरस्कार भी जीते हैं। 2003 में रूपा की शादी मुनीश मुद्गील से हुई। मुनीश एक आईएएस अफसर हैं। रूपा की छोटी बहन रोहिणी दिवाकर भी 2008 बैच की आईआरएस ऑफिसर हैं।

612

खाकी में रहने वाली डी रूपा अपने करियर में कई चर्चित कार्रवाइयों के लिए जानीं जातीं हैं। कई बार नेताओं से टकराव के कारण डी रूपा को अब तक 20 साल के करियर में 40 से अधिक बार ट्रांसफर झेलने पड़े हैं। वे कर्नाटक की ऐसी आईजी रही हैं कि लोग उनके नाम से कांपते हैं। राजनेताओं को भी वो जेल की हवा खिलाने पहुंच गई हैं।

712

रूपा ने छोटी उम्र से ही खाकी वर्दी पहन ली थी। रूपा सिर्फ 24 वर्ष की थीं, जब वह 2000 में पुलिस बल में शामिल हुईं। उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा 43 अंकों के अखिल भारतीय रैंक के साथ पास की और IPS प्रशिक्षण में अपने बैच में 5 वें स्थान पर रहीं।

812

उन्होंने सूबे में होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस की कमान संभाली है। इसके पहले वह डीआइजी (जेल) के पद पर थीं, तब वह सुर्खियों में रहीं थीं, जब जयललिता की करीबी और भ्रष्टाचार में कर्नाटक की जेल में बंद तमिलनाडु की AIDMK नेता शशिकला को अंदर मिलने वाली वीआइपी सुविधाओं का भंडाफोड़ किया था। 

912

रूपा ही वह आईपीएस हैं, जो 2004 में कर्नाटक से तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार करने एमपी के लिए निकल पड़ीं थी। हालांकि डी रूपा के पहुंचने से पहले उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तब डी रूपा कर्नाटक के धारवाड़ जिले की पुलिस अधीक्षक(एसपी) थीं। दरअसल, जब 2003 के चुनाव में उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं तो उनके खिलाफ दस साल पुराने मामले में गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। 

1012

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बेहद करीबी शशिकला ने उनके निधन के बाद पार्टी की कमान अपने हाथ में ले थी। हालांकि बाद में भ्रष्टाचार के केस में जेल जाना पड़ा। इस वक्त भी कर्नाटक की जेल में बंद हैं, जब डी रुपा डीआइजी जेल के पद पर रहीं तो 2017 में उन्होंने एआईएडीएमके नेता शशिकला को जेल में वीवीआइपी सुविधाएं मिलने का खुलासा किया था। डी रूपा की रिपोर्ट ने खलबली मचा दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जेल के अधिकारियों ने दो करोड़ रुपये लेकर जेल के अंदर शशिकला के लिए किचेन बनवाई थी। इस खुलासे के बाद लेडी दबंग की चर्चा पूरे देश में हुई थी। 

1112

इतनी ही नहीं कर्नाटक की तेजतर्रार आइपीएस अफसरों में शुमार हैं रूपा फील्ड ही नहीं सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहती हैं। जरूरी सम-सामयिक मुद्दों पर ट्वीट और पोस्ट लिखतीं रहतीं हैं। उनकी फैन फॉलोइंग भी लाखों में है। सोशल मीडिया पर वो सेल्फी आदि भी पोस्ट करती हैं। सिविल सेवा और पुलिस में जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए कर्नाटक की इस आईपीएस का संघर्ष और काम के लिए जुनून एक प्रेरणा है।

1212

ट्विटर पर लिखा- मुझे फर्क नहीं पड़ता

 

अपने ट्रांसफर के बाद रूपा ने ट्विटर पर लिखा,'हां मैं ये हमेशा से जानती हूं। तबादला होना हर सरकारी नौकरी के हिस्से जैसा है। मैंने जितने साल नौकरी की है, उसके दोगुने बार मेरा ट्रांसफर हो चुका है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना विवाद और जोखिम का काम है और मैं ये जानती हूं। मैं मूल्यों से समझौता किए बिना अपना काम करूंगी, जहां यह पद हो या वो पद। मेरे लिए उसका कोई फर्क नहीं।' सोशल मीडिया पर भी तमाम लोगों ने उनके ट्रांसफर के फैसले को गलत बताया था।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos