MP बजट 2021: एजुकेशन के लिए शिवराज सरकार के बड़े ऐलान, स्कूलों में 24 हजार शिक्षक भर्ती, बढ़ेंगी MBBS सीटें

करियर डेस्क. Madhya Pradesh Budget 2021 Education Sector: मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया गया है। इस बजट को आत्मनिर्भर MP बजट 2021-22 नाम दिया गया है। एमपी के इस बजट में शिक्षा व्यवस्था पर खास फोकस रखा गया है। वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा स्कूल शिक्षा, शिक्षा की पहली सीढ़ी है। प्रदेश के विद्यालयों मे सर्वसुविधायुक्त अधोसंरचना हो और पर्याप्त व दक्ष शिक्षक हों ऐसी सरकार की कोशिश है। इस बार का बजट 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित है। इसमें शिक्षा एवं संबद्ध क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार ने 40 हजार 958 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। आइए जानते हैं कि एमपी के इस बजट में एजुकेशन सेक्टर के लिए क्या खास है? वहीं सरकार ने क्या घोषणाएं की हैं?

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2021 9:19 AM IST

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MP बजट 2021: एजुकेशन के लिए शिवराज सरकार के बड़े ऐलान, स्कूलों में 24 हजार शिक्षक भर्ती, बढ़ेंगी MBBS सीटें

शिवराज सरकार ने प्रदेश में नौ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की है। अगले दो साल में एमबीबीएस की 1 हजार 235 सीटें बढ़ाई जाएंगी।।

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24 हजार 200 शिक्षकों की होगी भर्ती-

 

प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साल 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इतना ही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम (IIM) इंदौर व आईआईटी (IIT) गांधीनगर में शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

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प्रदेश में खुलेंगे सर्वसुविधा युक्त स्कूल-

 

बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में सीएम राइज योजना संचालित की जाएगी। जिसके तहत प्रदेश के 9 हजार 200 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर बसाहट के 15 किलोमीटर के दायरे में एक ऐसा विद्यालय होगा जो कि हाईटेक होगा। सीएम राइज योजना के पहले चरण में प्रदेश के 350 विद्यालयों का विकास किया जाएगा जिसके लिए साल 2021-22 में 1 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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3 साल में ग्रामीण स्कूलों में पहुंचेगी बिजली-

 

ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को मिशन मोड पर लेकर आगामी तीन सालों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा। इतना ही नहीं सभी हायर सेकेंडरी और हाई स्कूलों में आवश्यक फर्नीचर की पूर्ति भी आगामी तीन साल में करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 319 करोड़ रुपए का प्रावधान सखा गया है। (Demo Pic)

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पहली बार गांवों से बच्चों को स्कूल लाने के लिए ट्रांसपोर्ट सर्विस

 

9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए पांच आदिवासी बहुल जिलों में ट्रांसपोर्ट सर्विस का नया प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट शुरु की जाएगी। बैतूल के आठनेर, उमरिया के पाली, बालाघाट के बिरसा, झाबुआ और धार जिले के धरमपुरी में अगले सत्र से अंचल के स्टूडेंट को बस या अन्य यातायात सुविधा के जरिए घर से स्कूल तक लाया और ले जाया जाएगा। इन इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा।

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9 मेडिकल, 2 इंजीनियरिंग और 5 पॉलिटेक्निक कॉलेज खुलेंगे

 

वित्तमंत्री ने बताया कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मिशन निरामय योजना लागू की जाएगी। प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेज श्योपुर, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर,दमोह, छतरपुर, सिवनी में खोले जाएंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि दो इंजीनियरिंग और 5 पॉलिटेक्निक को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।

 

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अनुसूचित जनजाति कल्याण पर खास फोकस-

 

वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है और जनजाति वर्ग को शिक्षा से जोड़ने पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। इस हेतू कन्या साक्षरता योजना, आदिवासी बालिक विज्ञान योजना, विद्यार्थी कल्याण योजना, सैनिक स्कूल में प्रवेश, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं।

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आवासीय विद्यालयों कंप्यूटर लैब और एकलव्य विद्यालयों को CBSE में अपग्रेड करेंगे-

 

वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 33 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में सुसज्जित कंप्यूटर लैब तैयार किए गए हैं जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान हो सके। 24 कन्या परिसरों और 4 गुरुकुल आवासीय विद्यालयों को एकलव्य विद्यालय में अपग्रेड किया जाएगा और CBSE से संबंध किया जाएगा।

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आदिवासी जिलों में 38 प्री-प्रायमरी स्कूल खुलेंगे-

 

जिन जिलों में बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति समूह निवासरत हैं वहां 38 आश्रम शालाओं का प्रोजेक्ट है और यहां प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों की बालिकाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 65 आवासीय कन्या परिसर खोले जाएंगे जिनमें से 22 भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष 43 भवनों का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।

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