देसराज के ऊपर कई बार दुखों का पहाड़ टूटा है। करीब छह साल पहले उन्होंने अपने बड़े बेटे को एक दुर्घटना में खो दिया था। एक हफ्ते तक उसका शव भी नहीं मिला था लेकिन देसराज को बेटे की मौत का शोक मनाने के लिए दो पल भी नहीं मिले क्योंकि उन्हें अब दोगुनीमेहनत से दो पैसे कमाने थे। उनपर घर के खर्च का बोझ रात भर दोगुना हो गया था।
इसलिए, अगले दिन, वह काम करने के लिए निकल पड़े। फिर कुछ समय बाद किस्मत ने एक और चोट दी। उनके छोटे बेटे ने बुरी स्तिथियों के चलते आत्महत्या कर ली।देसराज ने बताया, "ड्राइविंग करते समय, मुझे एक कॉल मिला-'आपके बेटे का शव प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर मिला है, सुसाइड कर लिया है। मैंने दो बेटों के अंतिम संस्कार की चिता जलाई है, एक बाप के लिए इससे ज्यादा बुरी बात क्या हो सकती है? (Demo Pic)