बिहार की बहादुर बिटिया ज्योति पासवान (Jyoti Paswan)
कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में भारत में एक 'साइकिल गर्ल' काफी चर्चा में रही। पैर में चोट खाए पिता को साइिकल पर बैठाकर गुरुग्राम से लेकर बिहार के दरभंगा तक अकेले साइकिल चलाकर घर ले आने वाली ये हिम्मती लड़की है ज्योति पासवान। मात्र 15 साल की ज्योति अपनी इस हिम्मत और दरियादिली से अखबारों की सुर्खियां बन गई। ज्योति पूरी दुनिया में उन लोगों के लिए मिसाल है जो लड़कियों को कमजोर आंकते हैं।
ज्योति ने पैरों से साइकिल खींचकर लगभग 1200 किलोमीटर का सफर तय किया था। जख्मी पिता को बैठाकर दिन-रात साइकिल खींची थी। भारत की साइकिलिंग फ़ेडरेशन के सदस्यों ने ज्योति के घर आकर, उन्हें चेक, साइकिलें, कपड़े और यहाँ तक कि फल और तमाम तरह के प्रस्ताव दिए थे। उन्हें सरकार ने ईनाम दिए। यहां तक की अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ने भी ज्योति की तारीफ की और लिखा- ये सहनशक्ति और प्यार की ख़ूबसूरत उपलब्धि है।