National Panchayati Raj Day: इस प्रधानमंत्री ने की थी शुरुआत, जानें क्यों चुनी गई थी 24 अप्रैल की तारीख


नई दिल्ली. आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस ( National Panchayati Raj Day) है। गांवों के विकास के लिए 24 अप्रैल को यह दिन मानाया जाता है। लेकिन क्या आप भारत में पंचायती राज से जुड़े रोचक फैक्ट जानते हैं। भारत में इसकी शुरुआत कब हुई, कितनी पंचायतें हैं। आखिर क्यों हर साल देश में 24 अप्रैल को इस दिन को क्यों मनाया जाता है। हम आपको बता रहे हैं 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट।

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2021 10:26 AM IST / Updated: Apr 24 2021, 03:58 PM IST
18
National Panchayati Raj Day: इस प्रधानमंत्री ने की थी शुरुआत, जानें क्यों चुनी गई थी 24 अप्रैल की तारीख

देश में कब लागू हुआ पंचायती राज
देश में पहली बार पंचायती राज की शुरुआत राजस्थान से हुई थी। देश में पंचायती राज व्यवस्था की पहली नींव राजस्थान के नागौर जिले में रखी गई थी।  2 अक्टूबर, 1959 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज व्यवस्था लागू की थी। बता दें कि 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था।

28

कब से शुरू हुआ पंचायती राज दिवस
गांधीजी के ग्रामीण भारत के सपने को पूरा करने के लिए 1992 में संविधान में 73वां संशोधन किया गया और पंचायती राज संस्थान का कॉन्सेप्ट पेश किया गया। इस कानून की मदद से स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां दी गईं। 24 अप्रैल का दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने शुरू की। 

38

पंचायती राज में कितने स्तर है?
भारत में पंचायती राज में तीन चरण शामिल हैं। इन्हें त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के नाम से भी जाना जाता है।  इन तीन स्तरों में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति (मध्यवर्ती स्तर पर) और ज़िला परिषद (ज़िला स्तर पर) शामिल है। 20 लाख की जनसंख्या से अधिक के सभी राज्यों में ग्राम, खण्ड एवं जिला स्तर पर पंचायतें बनाई जाती हैं।

48

देश में कुल कितनी पंचायतें
वर्तमान में हमारे देश में 2.51 लाख पंचायतें हैं, जिनमें 2.39 लाख ग्राम पंचायतें, 6904 ब्लॉक पंचायतें और 589 जिला पंचायतें शामिल हैं।

58

पंचायतों का कार्यकाल
पंचायती राज का कार्यकाल पांच सालों का होता है। इसे इससे पहले भी भंग किया जा सकता है। पंचायत का कार्यकाल पूरा होने या भंग होने के 6 महीने के अंदर चुनाव कराना अनिवार्य होता है। 

68

पंचायती राज कैसे चलता है?
गांव के स्तर पर सरपंच में ही सारी शक्तियां होती थीं। लेकिन अब ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तरों पर चुनाव होता है और प्रतिनिधियों को चुना जाता है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के लिए पंचायत में आरक्षण होता है। पंचायती राज संस्थानों को कई तरह की शक्तियां दी गई हैं ताकि वे सक्षम तरीके से काम कर सकें।

78

पंचायतों को मिलता है ईनाम
पंचायतों को भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा सम्मानित भी किया जाता है। ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, नानाजी देशमुख राष्‍ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्‍कार, दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्‍कार समेत कई कैटगरी शामिल हैं। 

88

पंचायती राज की भूमिका
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मजबूत और सशक्त गांवों का सपना देखा था। उन्होंने ग्राम स्वराज का कॉन्सेप्ट दिया था। उन्होंने कहा था कि पंचायतों के पास सभी अधिकार होने चाहिए। 73वां संशोधन के माध्यम से स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां दी गईं। उनको आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति और जिम्मेदारियां दी गईं।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos