अलग-एक्स्ट्रा स्टडी करना हमेशा फायदेमंद होता है, 10 फोटो में मृणाल से जानिए JEE Main Exam की तैयारी कैसे करें

एजुकेशन डेस्क। मृणाल गर्ग ने जेईई मेन 2022 में 300/300 के परफेक्ट स्कोर के साथ एआईआर-5 और जेईई एडवांस 2022 में एआईआर-19 रैंक हासिल किया। पंजाब के रहने वाले मृणाल का झुकाव हमेशा गणित और तकनीक की ओर था और इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। मृणाल के प्रेरणास्रोत उनके बड़े भाई थे, जो एम्स जोधपुर में एमबीबीएस कर रहे हैं। मृणाल ने आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग पढ़ने की उनकी महत्वाकांक्षा को मजबूत किया। आइए जानते हैं पढ़ाई करने और एग्जाम पास करने की उनकी क्या रणनीति रही। 

Ashutosh Pathak | / Updated: Jan 19 2023, 02:22 PM IST
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अलग-एक्स्ट्रा स्टडी करना हमेशा फायदेमंद होता है, 10 फोटो में मृणाल से जानिए JEE Main Exam की तैयारी कैसे करें

मृणाल के अनुसार, मैं हमेशा थोड़ा एक्स्ट्रा और अलग स्टडी करना चाहता था। चूंकि मुझे हमेशा गणित और प्रौद्योगिकी में रुचि थी, इसलिए मैंने कक्षा 8 से ही कोर्स के अलावा थोड़ा एक्सट्रा और अलग स्टडी करना शुरू कर दिया था। 

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मृणाल का कहना है कि जब वे 11वीं कक्षा में थे, तब जेईई पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया, क्योंकि तब तक आईआईटी में प्रवेश लेना टारगेट बन चुका था। इन वर्षों में जो कुछ भी पढ़ा, उससे भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित के लिए बेस तैयार करने में मदद मिली।

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एंट्रेंस एग्जाम के कोर्स को पूरा करने के बाद मृणाल ने मुख्य रूप से मॉक टेस्ट लेने और उनका एनालिसिस करने पर ध्यान केंद्रित किया। मृणाल के अनुसार, अगर मैं एक दिन परीक्षा लिखता, तो अगले दिन मैं कमजोर प्वाइंट को खोजने के लिए इसका विश्लेषण भी करता। 

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मृणाल का कहना है कि मॉक टेस्ट देने के अलावा मैंने नियमित रूप से चैप्टर्स का रिवीजन भी किया। कठिन सब्जेक्ट को कैसे हल किया जाए, इस पर ध्यान लगाया। गणित और भौतिक विज्ञान पसंदीदा सब्जेक्ट थे, मगर कई बार उन स्टेप्स से भी गुजरा, जब ये दोनों विषय कुछ कठिन भी लगे। 

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हालांकि, देखा जाए तो मैंने यह जरूर सीखा कि पहले उन सब्जेक्ट को मजबूत करें, जिन्हें आप अच्छी तरह से जानते हैं और इसके बाद उस पर फोकस करें, जो आपको कठिन लगता है। इस बीच, केमिस्ट्री अपेक्षाकृत यानी तुलनात्मक रूप से अधिक कठिन थी। 

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पढ़ाई का शेड्यूल तैयार करें, इससे मदद मिलती है। सेल्फ स्टडी और टाइम टेबल होने से भी तैयारी में काफी मदद मिली। मैं अपने दोस्त के साथ सुबह सात से आठ बजे के बीच कोचिंग सेंटर पर पहुंच जाते और वहां दोपहर दो से तीन बजे तक पढ़ते। 

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मृणाल के अनुसार, इस बीच हम दोनों एक छोटा लंच ब्रेक लेते, मगर हमने यह तय कर लिया था कि सुबह की पढ़ाई का समय किसी और चीज के कारण डिस्टर्ब नहीं हो। इसके बाद दिन के दूसरे समय में कुछ और करते। 

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मृणाल के अनुसार, मुझे लगता है कि एक निश्चित टाइम टेबल के अनुसार पढ़ना अच्छी आदत है। मैं दोपहर 2 बजे तक पढ़ता था, लंच ब्रेक लेता था और फिर शाम 6 बजे तक पढ़ाई के लिए वापस आ जाता था। इसके बाद मैं फिर शाम 7:30 या 8 बजे के बाद ब्रेक लेता और फिर रात 11 बजे तक पढ़ाई करता। 

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किसी भी परीक्षा के लिए एनसीईआरटी जरूरी है, लेकिन इसके अलावा मैंने इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए बीके जायसवाल, फिजिकल केमिस्ट्री के लिए एन. अवस्थी, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए हिमांशु पांडे और एमएस चौहान को पढ़ा। गणित के लिए विनय कुमार और एसएल लोन तथा। फिजिक्स के लिए फिजिक्स गैलेक्सी और एचसी वर्मा को पढ़ा।

 

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कोचिंग में टीचर्स से वो सवाल जो पूछें जो हमें कठिन लग रहे। इसके बाद जो किया उसके बारे में भी बताएं। इसके अलावा रिविजन पर फोकस जरूर करें। मैं जेईई मेन की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को सुझाव दूंगा कि वे तनाव न लें। उन्हें पढ़ाई और मेहनत के लिए ईमानदार होने की जरूरत है, लेकिन साथ ही आराम करना और खुद के लिए समय निकालना भी याद रखें। 

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