मृणाल का कहना है कि जब वे 11वीं कक्षा में थे, तब जेईई पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया, क्योंकि तब तक आईआईटी में प्रवेश लेना टारगेट बन चुका था। इन वर्षों में जो कुछ भी पढ़ा, उससे भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित के लिए बेस तैयार करने में मदद मिली।